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चाणक्य ने बताया है-चावल, दूध या मांस किसे खाने से बेहतर बुद्धि, ज्ञान और शक्तियां मिलेगी?

चाणक्य नीति के 10वें अध्याय में उन्होंने बताया है कि किस तरह के भोजन से कितनी ऊर्जा मिलती है. इसमें अनाज से 38 गुना ज्यादा ताकतवर भोजन के बारे में बताया गया है. इसलिए वेट कम करने वालों के लिए बेहतर खबर हो सकती है.

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चाणक्य ने बताया है-चावल, दूध या मांस किसे खाने से बेहतर बुद्धि, ज्ञान और शक्तियां मिलेगी?

चावल-दूध या मांस क्या है बेस्ट

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डीएनए हिंदीः आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र (चाणक्य नीति) में शायद किसी बारे में न बताया गया हो. उराज्य के बोझ से लेकर कर्ज़ वसूली तक, जासूसी, व्यवसाय और दुश्मनों के संकेत से लेकर महिलाओं तक के बारें चर्चा मिलती है. इसी क्रम में एक श्लोक में स्वास्थय के बारे में भी बताया गया है.

चाणक्य नें एक राजा को राज्य चलाने के लिए बेहतर बुद्धि, ज्ञान और शक्तियां प्राप्त करने के लिए क्या खाना खाना चाहिए, ये भी बताया है? चाणक्य नीति के 10वें अध्याय में उन्होंने बताया है कि किस तरह के भोजन से उन्हें कितनी ऊर्जा मिलती है. 

अन्नद्दशगुणं पिष्टं पिष्टद्दशागुणं पयः.
पायसो अष्टगुणं माशं मशद्दशगुणं घृतम्.

श्लोक का अर्थ है: 'स्टार्च सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों में से एक है. यह अन्य सभी से दस गुना अधिक शक्ति देता है. दूध में दस गुना अधिक ऊर्जा होती है. मांस में दूध से आठ गुना अधिक ऊर्जा होती है. घी में मांस से दस गुना अधिक ऊर्जा होती है.

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य भोजन को मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं. विशेषकर स्टार्च को. स्टार्च को अन्य अनाजों की तुलना में दस गुना बेहतर माना जाता है. स्टार्च का मतलब कार्बोहाइड्रेट होता है. यह इडली, डोसा, चावल आदि में आता है. आटे में अन्य सभी अनाजों की तुलना में 10 गुना अधिक ऊर्जा होती है. जो व्यक्ति रोटी या चावल खाता है वह पूरे दिन ऊर्जा से भरपूर रहता है. हमारा पाचन तंत्र ऊर्जा के लिए भोजन को पचाने के लिए बनाया गया है. इसे पचाने में कोई परेशानी नहीं होती.

चाणक्य कहते हैं कि दूध में आटे से 10 गुना ज्यादा ऊर्जा होती है. डॉक्टर भी इसी वजह से दूध का सेवन करने की सलाह देते हैं. रोजाना नियमित मात्रा में दूध पीने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से दूर रहता है. साथ ही यह आसानी से पचने योग्य भी होता है. विशेषकर पहाड़ों में जड़ी-बूटियां चरने वाली देशी गाय का दूध अति उत्तम होता है.

मांस में दूध से भी ज्यादा ताकत होती है. चाणक्य के अनुसार मांस में दूध से आठ गुना अधिक ऊर्जा होती है. मांस में पाए जाने वाले प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व स्टार्च में नहीं पाए जाते हैं. इसमें सुखदायक गुण है और यह कठिन कार्यों को करने की शक्ति और दृढ़ संकल्प देता है.

फिर भी चाणक्य ने मांस से भी अधिक शक्तिशाली चीज़ का उल्लेख किया है. क्या आपको पता है ऐसा कहा जाता है कि घी में मांस से 10 गुना अधिक ऊर्जा होती है. घी शरीर को अधिक ऊर्जा देता है. इसके सेवन से व्यक्ति के चेहरे पर निखार आएगा और उसे स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी. घी शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक मानसिक शक्ति, स्पष्टता, दृढ़ संकल्प, बुद्धि, ज्ञान आदि देता है.

इस प्रकार आप देख सकते हैं कि समाज में धनाढ्य लोगों द्वारा घी को आहार में अपनाया जा रहा है. यह शरीर को पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है और लंबे समय तक बीमारियों से बचाता है.

यानी घी नियमित भोजन से 38 गुना ज्यादा ऊर्जा प्रदान करता है. उपरोक्त श्लोक से आप स्वयं गणना करें कि कैसे. अब आप जान गए हैं कि आयुर्वेदिक डॉक्टर घी की सलाह क्यों देते हैं? 

तो अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो इन चीजों को सेवन करना शुरू कर दें

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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