Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Chhath Puja Rules: छठ पूजा में इन नियमों का जरूर रखें ध्यान, गलती होने पर खंडित हो सकता है व्रत

Chhath Puja 2022 Rules: छठ पूजा का व्रत बहुत ही कठिन और अत्यंत फलदायी होता है, ऐसे में अगर आप व्रत रख रही हैं तो इन नियमों का खास ध्यान रखें...

Chhath Puja Rules: छठ पूजा में इन नियमों का जरूर रखें ध्यान, गलती होने पर खंडित हो सकता है व्रत

छठ पूजा में इन नियमों का जरूर रखें ध्यान

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कल से लोकपर्व छठ शुरू हो (Chhath Puja 2022) आस्था से जुड़े इस पर्व में छठी मैया (Chhathi Maiya) और सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा की जाती है. दिवाली के 6 दिन बाद कार्तिक महीने की षष्ठी तिथि को छठ का पर्व मनाया जाता है. नहाए खाए के साथ यह पर्व शुरू होता है और व्रती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रहकर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा अराधना करते हैं.

इस व्रत को सभी कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. ऐसे में  व्रत के दौरान गलती से अगर कोई चूक जाए तो व्रत खंडित हो जाता है. छठ पूजा के व्रत का नियम सभी व्रतों से अलग होता है. ऐसे में अगर आप छठ पूजा का व्रत रख रही हैं तो आपको इन नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए. चलिए जानते हैं क्या है व्रत का नियम...

छठ पूजा में इन नियमों का रखें खास ध्यान

नया चूल्हा

छठ पर्व के  छठ का प्रसाद बनाते समय नए चूल्हे का ही प्रयोग करें. अगर आप गैस का प्रयोग करते हैं तो नया स्टोव रखें. इसे हर साल आप छठ पूजा के दिन इस्तेमाल कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- क्यों माई का प्रसाद खाते हैं मांगकर? बहुत सारे आपके सवालों का यहां पढ़िए जवाब

प्राकृतिक वस्तुएं

पूजा के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस दौरान कभी स्टील या शीशे के बर्तन प्रयोग भूलकर भी न करें. प्रसाद शुद्ध घी में बनाएं और फल शामिल करें. 

ठेकुआ और कसार

छठ पूजा में छठी मैया तथा भगवान भास्कर को ठेकुआ तथा कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग जरूर लगाना चाहिए. इससे छठी मैया के साथ साथ सूर्य देव भी प्रसन्न होते हैं. 

अर्घ्य देने का  नियम 

व्रती या घर परिवार के अन्‍य लोगों को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कभी भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. व्रती को पहले और दूसरे दिन सूर्य को जल देने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए. सुबह या शाम के अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का प्रयोग करें. मान्यता है सूर्य भगवान को तांबे के बर्तन से अर्घ्य देने पर विशेष कृपा प्राप्त होती है

साफ सफाई

छठी मैया की पूजा का व्रत साफ-सफाई का है ऐसे में इस दौरान साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान पहले दिन घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. साथ ही जिस भी तालाब के किनारे पूजा करने वाले हैं वहां के घाटों की भी सफाई अवश्य करें.

पलंग का इस्तेमाल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व के दौरान चार दिनों तक पलंग या तखत पर सोने की मनाही होती है. ऐसे में आप जमीन पर चटाई बिछाकर सो सकते हैं और कंबल आदि का प्रयोग कर सकते हैं. 

यह भी पढ़ें- छठ पूजा का क्या है महत्व? जानिए पौराणिक कथाएं, द्रोपदी ने भी रखा था ये व्रत

सात्विक भोजन 

छठ पूजा के दौरान साधक को घर में सात्विक खाना ही खाना चाहिए इसके अलावा प्रसाद बनाते समय गलती से भी हाथ से नमक नहीं छूना चाहिए. छठ पूजा के दौरान व्रती और घर के सदस्यों को प्याज, लहसुन और मांस-मछली का सेवन नहीं करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement