Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर कर रहे हैं मूर्ति स्थापित तो इन बातों का रखें ध्यान, ऐसे सूंड वाली प्रतिमा होगी शुभ

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव पर आप अपने घर गणपति बप्पा को लाने की सोच रहे हैं तो कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.

Latest News
Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी पर कर रहे हैं मूर्ति स्थापित तो इन बातों का रखें ध्यान, ऐसे सूंड वाली प्रतिमा होगी शुभ

Ganesh Chaturthi 2023

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai) मनाई जाएगी. यह दिन इस बार 19 सितंबर 2023 को पड़ (Ganesh Chaturthi 2023 Date) रहा है. 10 दिनों का गणेशोत्सव 19 सितंबर से शुरू होगा और विसर्जन 28 सितंबर 2023 को होगा. गणेश उत्सव (Ganesh Chaturthi 2023) पर आप भी अपने घर गणपति बप्पा को लाने की सोच रहे हैं तो कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. आजकल बाजारों में बप्पा की कई तरह की मूर्ति आने लगी है ऐसे में गणेश जी की शुभ प्रतिमा को घर लाना बहुत ही जरूरी है. आइये आपको बताते हैं कि गणेश जी (Ganesh Ji) की कैसी प्रतिमा घर लानी चाहिए.

गणेश चतुर्थ पर इस दिशा में सूंड वाली प्रतिमा लाएं घर (Ganesh Chaturthi 2023)
भगवान शिव ने जब गणेश जी पर हाथी का सिर लगाया था तब सूंड दाहिने दिशा में थी. इसे मुद्रा में उन्होंने मां लक्ष्मी को प्रणाम किया था. दायीं ओर सूंड वाली प्रतिमा शुभ मानी जाती है इसे घर लाने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं. घर में सुख-शांति की स्थापना के लिए दाहिने सूंड वाले बप्पा की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.

 

कब रखा जाएगा अजा एकादशी व्रत? जानें सटीक तारीख, पूजा विधि और मुहूर्त

न लाएं ऐसी प्रतिमा
गणेश जी की जिस प्रतिमा में बाएं ओर सूंड हो उसे घर नहीं लाना चाहिए. ऐसी प्रतिमा की घर में स्थापना नहीं करनी चाहिए. गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की प्रतिमा की सूंड की दिशा के साथ ही कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

इन बातों का भी रखें ध्यान
- गणेश जी की प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए. इस दिशा में मूर्ति स्थापित भी नहीं करनी चाहिए. बप्पा की स्थापना के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व मानी जाती है.
- गणेश जी की स्थापना के बाद सिंहासन नहीं बदलना चाहिए. दीपक जलाने का स्थान भी नहीं बदलना चाहिए. गणेश उत्सव के दौरान एक ही जगह पर पूजा करनी चाहिए.
- बप्पा की स्थापना के बाद उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. गणपति बप्पा के पास हमेशा कोई जरूर रहना चाहिए. साथ ही गणपति उत्सव के समय मन, कर्म और विचार से शुद्ध रहना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement