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Durba Grass in Puja: दूब के बगैर इस भगवान की पूजा है अधूरी, जानिए इसके फायदे और धार्मिक महत्व भी

Durba grass सिर्फ गणेश पूजा में ही नहीं कई पूजा त्योहार में लगते हैं, इसके धार्मिक महत्व के साथ हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं, जानिए इसके बारे में सब कुछ

Durba Grass in Puja: दूब के बगैर इस भगवान की पूजा है अधूरी, जानिए इसके फायदे और धार्मिक महत्व भी
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डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में कोई भी देवता की पूजा या त्योहार में दूब घास का होना आवश्यक है. इसके बगैर कोई भी पूजा अधूरी सी होती है. गणेश, लक्ष्मी की पूजा, गंगौर का त्योहार, रक्षा बंधन इसके अलावा भी कई और पूजा में दूब घास का इस्तेमाल होता है. इसे बहुत ही शुभ माना जाता है. धार्मिक रूप से इसका महत्व तो है ही लेकिन अगर बात करें औषधि की तो उसमें भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. 

हिन्दू धर्म में दूर्वा का महत्व (Significance of Durva Grass in Hindu Religion in Hindi)

दूर्वा जिसे दूब की घास भी कहते हैं, हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय मानी जाती है. दूर्वा को दूब, अमृता, अनंता और महौषधि जैसे अनेकों नामों से जाना जाता है. Durva grass का प्रयोग विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा में विशेष रूप से किया जाता है.इसे मांगलिक कार्यों में जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह आदि में शामिल किये जाने की परंपरा सदियों से प्रचलन में है  

doob ghaas

Durva को जहां एक तरफ धार्मिक कार्यों में विशेष रूप से महत्व दिया जाता है वहीं यह हमारे शरीर के लिए भी उपयोगी है. दूब त्रिदोष को हरने वाली औषधि कही जाती है. शरीर के लिए फायदेमंद होने के कारण ही इसका प्रयोग चिकित्सा में भी किया जाता है. दूब केवल भारत में नहीं बल्कि कई और देश जैसे यूनान और अफ्रीका में भी पाई जाती है. 

दूर्वा घास के फायदे ( Durva Grass Benefits in Hindi )

1. दूर्वा भगवान गणेश को सबसे प्रिय है इसका प्रयोग पूजा में करने से गणेश जी की असीम कृपा प्राप्त होती है. 

2. दूर्वा को गाय को खिलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है  

3. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी लाभदायक है 

4. Doob ghaas ke fayde में एक फायदा यह है कि यदि कोई दूब का सेवन करता है उसे अनिद्रा जैसी स्थिति से जल्द ही छुटकारा मिलता है।  

5. दूब में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक तत्व पाए जाते है इसलिए इसके प्रयोग से त्वचा में खुजली, चकत्ते आदि से राहत मिलती है। इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाया जाता है।  

6. अनीमिया जैसी बीमारियों के लिए दूब बहुत उपयोगी मानी जाती है क्योंकि दूब रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के साथ रक्त साफ करने का कार्य करती है।  

7. प्रातःकाल दूब पर नंगे पांव चलने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और durva leaves को गर्म पानी में उबालकर पीने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं

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दूर्वा घास के टोटके ( Durva grass ke totke)

अगर घर में पैसा नहीं टिक रहा और घर पर आर्थिक संकट बना हुआ है तो आप पंचदेवों में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को गणेश चतुर्थी या किसी शुभ मुहूर्त पर पांच दूर्वा में 11 गांठे लगाकर उन्हें चढ़ाएं. इसके साथ ही दूर्वा अर्पित करते समय श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि के मंत्र का जाप करें तो आपके आर्थिक संकट कट जाएंगे. 

2. दूर्वा को गाय के दूध में मिलकर उसका लेप बनाये फिर उसे तिलक के रूप में माथे पर लगाए, इससे आपकी मनोकमना जल्द ही पूर्ण होगी।

3. बुधवार यानी भगवान गणेश को समर्पित दिन में गाय को दूर्वा की हरी घास ( doob) खिलाने से आपको गृह कलेश से मुक्ति मिलेगी और परिवार में प्रेम तथा सद्भाव की भावना बढ़ेगी।  

4. धन प्राप्ति का अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए बुधवार के दिन गणेश जी को 11 या 21 दूर्वा चढ़ाएं, ध्यान रहे कि चढ़ाई गई प्रत्येक दूर्वा जोड़े में हो.

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दूर्वा चढ़ाने से क्या लाभ होता है? ( Durva chadhane se kya laabh hota hai? )

1. हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्य भगवान गणेश को दूर्वा अत्यधिक प्रिय है, उनकी पूजा में 21 दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश की असीम कृपा प्राप्त होती है।

2. किसी भी पूजा या मांगलिक कार्य को सफल बनाने के लिए दूर्वा का शामिल होना बहुत जरूरी बताया गया है।  

 

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