Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Jivita Vrat 2022 :  नहाय-खाय के साथ कल से शुरू हो रहा है जितिया व्रत, 17 को है उपवास और 18 को पारण 

Jitiya Nahay khay: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है और नाह खाय के साथ ये व्रत शनिवार से शुरू हो रहा है.

Latest News
Jivita Vrat 2022 :  नहाय-खाय के साथ कल से शुरू हो रहा है जितिया व्रत, 17 को है उपवास और 18 को पारण 

नहाय-खाय के साथ शनिवार से शुरू हो रहा है जितिया का व्रत, जानें व्रत से जुड़ी परपरा

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः इस साल जितिया का पर्व 16 सितंबर दिन शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा और 17 सितंबर को माएं अपनी संतान की लंबी उम्र और रक्षा के लिए निर्जला व्रत कर 19 सितंबर को पारण कर व्रत खोलेंगी.

जानें जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है और 18 सितंबर को दोपहर 04 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा और 16 सितंबर 2022 शनिवार को नहाए-खाय होगा. 17 सितंबर 2022 रविवार को निर्जला व्रत रखा जाएगा. 

यह भी पढेंः Jitiya Vrat 2022 : इस कथा को सुनकर ही मिलता है जितिया व्रत का फल, नोट कर लें पारण मुहूर्त

व्रत से जुड़ी परम्परा
व्रत की परम्परा के अनुसार सनातन धर्म में पूजा-पाठ में मांसाहार का सेवन बर्जित होता है लेकिन कुछ राज्यों में इस व्रत की शुरुआत मछली खाकर की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस परम्परा के पीछे जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा में वर्णित चील और सियार का होना माना जाता है. वहीं व्रत से पहले कुछ जगहों पर महिलाएं मडुआ के आटे की रोटियों को नोनी के साग के साथ खाया जाता है. साथ ही इस व्रत के पारण के बाद महिलाएं जितिया का लाल रंग का धागा गले में पहनती हैं और इसमें अपनी संतान की संख्या के अनुसार लॉकेट धारण करती हैं. साथ ही पूजा के दौरान सरसों का तेल और खल्ली को भी चढ़ाया जाता है. व्रत पारण के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आर्शिवाद के तौर पर लगाते हैं.

यह भी पढेंः Jitiya Vrat 2022 : 18 सितंबर को है जितिया व्रत, नोट करें पूजा सामग्री, 16 की मात्रा में अर्पित करें ये चीजें

नहाय खाय विधि
सप्तमी के दिन नहाय खाय का नियम होता है. बिल्कुल छठ की तरह ही जिउतिया में नहाय खाय होता है. इस दिन महिलाएं सुबह-सुबह उठकर गंगा स्नान करती हैं और पूजा करती हैं. अगर आपके आसपास गंगा नहीं हैं तो आप किसी भी नदी में स्नान कर व्रत का संकल्प ले सकती हैं. और नाय- खाय भी दिन में एक बार ही करना होता है. नहाय खाय की रात को छत पर जाकर चारों दिशाओं में कुछ खाना रख दिया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यह खाना चील व सियारिन के लिए रखा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement