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Masik Shivratri 2023: आज है ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Masik Shivratri 2023: प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना से विशेष लाभ मिलता है.

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Masik Shivratri 2023: आज है ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Masik Shivratri 2023

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डीएनए हिंदीः हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में पंचांग के अनुसार सभी तिथियों का विशेष महत्व होता है. प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए खास माना जाता है. इस तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव  (Bhagwan Shiv) की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से भोलेनाथ भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. हिंदू पंचांग के तीसरे महीने ज्येष्ठ (Jyeshtha Month) की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri May 2023) आने वाली है. तो चलिए ज्येष्ठ माह मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri May 2023) की तारीख और पूजा विधि के बारे में जानते हैं.

ज्येष्ठ माह मासिक शिवरात्रि 2023 (Masik Shivratri May 2023)
ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 16 मई को रात 11ः36 से हो रही है जो अगले दिन 17 मई की रात को 10ः28 तक रहेगी. मासिक शिवरात्रि का व्रत 17 मई को रखा जाएगा. ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 17 मई की शाम को 07ः06 से रात को 09ः10 तक रहेगा. इस दिन आयुष्मान योग का निर्माण भी हो रहा है.

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मासिक शिवरात्रि महत्व (Masik Shivratri 2023 Significance)
मासिक शिवरात्रि के व्रत का बहुत ही अधिक महत्व होता है. सच्चे मन से मासिक शिवरात्रि का विधि विधान से व्रत व पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. लड़कियों को मन चाहा वर पाने के लिए यह व्रत करना चाहिए. मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से विवाह में आने वाली रुकावट भी पूरी होती हैं.

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri 2023 Puja Vidhi)
- मासिक शिवरात्रि पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव के मंदिर में पूजा अर्चना करनी चाहिए.
- शिवलिंग पर जल, शहद, दूध, दही, शुद्ध घी और शक्कर के मिश्रण शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें. रुद्राभिषेक से भगवान शिव जी प्रसन्न होते हैं.
- मासिक शिवरात्रि पर मां पार्वती और भोलेनाथ की पूजा करें और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. 
- इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर शिव चालीसा , शिवपुराण, शिव स्तुति का पाठ अवश्य करें.
- व्रत के अगले दिन जरूरतमंद लोगों को दान देने के बाद व्रत का पारण करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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