Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Sawan Kalashtami Vrat 2023: आज है सावन कालाष्टमी व्रत, अकाल मृत्यु से बचने के लिए इस विधि से करें पूजा, जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

Sawan Kalashtami Vrat 2023: सावन में कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव और शिव जी की पूजा करने से शत्रु, अकाल मृत्यु, भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलेगी.

Latest News
Sawan Kalashtami Vrat 2023: आज है सावन कालाष्टमी व्रत, अकाल मृत्यु से बचने के लिए इस विधि से करें पूजा, जानें पू�जा मुहूर्त और महत्व

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत (Kalashtami Vrat 2023) रखा जाता है. कालाष्टमी व्रत (Kalashtami Vrat Puja 2023) पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव नाथ की पूजा की जाती है. सावन में काल भैरव नाथ व्रत करने से कई लाभ मिलेंगे. कालाष्टमी (Kalashtami Vrat 2023) के दिन शिव पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है. सावन में कालाष्टमी (Sawan Kalashtami Vrat 2023) पर भगवान काल भैरव और शिव जी की पूजा करने से शत्रु, अकाल मृत्यु, भय और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलेगी. तो चलिए आपको सावन कालाष्मटी व्रत (Sawan Kalashtami Vrat 2023) की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में बताते हैं.

सावन कालाष्टमी व्रत तिथि (Kalashtami Vrat 2023 Date)
कालाष्टमी व्रत प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी को रखा जाता है. सावन में इस तिथि की शुरुआत 9 जुलाई 2023 को रात 7ः59 पर हो रही है. जिसका समापन अगले दिन 10 जुलाई को 2023 शाम 6ः43 पर होगा. कालाष्टमी पर निशिता काल में पूजा की जाती है. ऐसे में यह व्रत 9 जुलाई 2023 को रखा जाएगा.

भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करें शिव चालीसा का पाठ, मिलेंगे कई लाभ

कालाष्टमी व्रत महत्व (Kalashtami Vrat 2023 Significance)
काल भैरव के रौद्र रूप की पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. कुंडली से राहु दोष दूर करने के लिए भी यह व्रत कर सकते हैं. किसी प्रकार के भय या डरावने सपने आते हो तो इस समसया को भी व्रत करने से दूर कर सकते हैं.

कालाष्टमी व्रत पूजा विधि (Kalashtami Vrat 2023 Puja Vidhi)
- कालाष्टमी व्रत पर शिवलिंग पर दूध और दही से अभिषेक करना चाहिए.
- भगवान शिव को 21 बेलपत्र पर लाल चंदन से ॐ लिखकर शिव जी को अर्पित करें.
- एक-एक पत्ते को अर्पित करते समय "ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:" मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं.
- भैरव नाथ का वाहन कुत्ता होता है. ऐसे में इस दिन कुत्ते को रोटी और गुड़ खिलाने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement