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Amazing Temple: कब आएगा मानसून यूपी के इस मंदिर में पहले ही चल जाता है पता, छत पर दिखने लगता है ऐसा अद्भुत नजारा

Amazing Temple: बारिश की भविष्यवाणी के लिए आज भी यूपी के इस शहर के लोग मंदिर की छत निहारते हैं.

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Amazing Temple: कब आएगा मानसून यूपी के इस मंदिर में पहले ही चल जाता है पता, छत पर दिखने लगता है ऐसा अद्भुत नजारा

Jagannath Temple

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डीएनए हिंदीः मौसम के बारे में अपडेट पाने के लिए लोग मौसम विभाग पर निर्भर रहते हैं लेकिन पुराने समय में यूपी का एक मंदिर था जो मानसून आने की सूचना तीन से चार दिन पहले ही दे दिया करता था. इस मंदिर में आज भी बारिश आने से पहले कुछ ऐसा होता है जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा सकता है.

दरअसल भगवान विष्णु का एक मंदिर (Hindu Temple) ऐसा है जहां पहले ही पता चल जाता है कि बारिश कब होने वाली है. यह मंदिर मानसून की भविष्यवाणी करने के लिए प्रसिद्ध है.

कहां स्थित हैं मंदिर
बारिश की भविष्यवाणी करने वाला यह मंदिर (Amazing Temple) उत्तर प्रदेश के कानपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह मंदिर (Amazing Temple) बेहटा गांव में मौजूद हैं. यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (Jagannath Temple) को समर्पित है.

ऐसे होती हैं मंदिर में बारिश की भविष्यवाणी
स्थानिय लोगों के अनुसार इस मंदिर की छत बारिश आने से 5-7 दिन पहले टपकने लगती है. हैरानी की बात यह है कि यह छत चिलचिलाती धूप में भी बारिश आने के पहले टपकने लगती है. बारिश शुरू होने के बाद छत का टपकना बंद हो जाता है. बेहटा गांव के किसान भी मंदिर की छत से बारिश की भविष्यवाणी जानने के बाद ही खेती करते हैं.

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भगवान जगन्नाथ के साथ इन देवताओं की प्रतिमा भी हैं विराजमान
बेहटा गांव के इस जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की काले चिकने पत्थर की प्रतिमा है. इनके साथ ही मंदिर में बलदाऊ और सुभद्र की भी प्रतिमा हैं. यहां पर प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ यात्रा भी निकाली जाती है जिसमें हजारों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. 

वैज्ञानिक भी नहीं जान पाएं मंदिर का रहस्य
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण अशोक सम्राट के शासनकाल में कराया गया था. इस मंदिर की सरंचना बौद्ध मठ के समान है. मंदिर की दीवार 14 फीट मोटाई वाली है. बतां दें कि, मंदिर की छत टपकने को लेकर कई बार वैज्ञानिक भी यहां पर आए हैं लेकिन इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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