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Kashtbhanjan Hanuman दिलाएंगे शनि दोषों से मुक्ति, दर्शन मात्र से दूर होंगी सभी समस्याएं

Kashtbhanjan Hanuman Sarangpur: हनुमान जी का कष्टभंजन मंदिर की बहुत ही खास है यहां पर शनिदेव उनके चरणों में बैठे हुए हैं.

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Kashtbhanjan Hanuman दिलाएंगे शनि दोषों से मुक्ति, दर्शन मात्र से दूर होंगी सभी समस्याएं

Kashtbhanjan Hanuman Sarangpur

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डीएनए हिंदीः भारत में बजरंगबली के कई मंदिर मौजूद हैं जहां पर हनुमान जी (Kashtbhanjan Hanuman Temple) अलग-अलग स्वरूप में विराजमान हैं. आज हम आपको हनुमान जी के ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां पर बजरंगबली के साथ शनि देव विराजित हैं. इस मंदिर में हनुमान जी (Kashtbhanjan Hanuman Temple) की प्रतिमा के चरणों में शनिदेव स्त्री रूप में बैठे हुए हैं. हनुमान जी के इस मंदिर की बहुत ही खास विशेषता है. आपको बताते हैं कि यह मंदिर (Kashtbhanjan Hanuman Temple) कहां स्थित है और यहां शनिदेव हनुमान जी के चरणों में क्यों बैठे हैं.

कष्टभंजन हनुमान मंदिर (Kashtbhanjan Hanuman Temple)
कष्टभंजन हनुमान मंदिर गुजरात भावनगर के सारंगपुर (Kashtbhanjan Hanuman Sarangpur) में स्थित है. यह मंदिर प्राचीन हनुमान मंदिर है. मंदिर को कष्टभंजन हनुमान जी (Kashtbhanjan Hanuman Sarangpur) के नाम से जाना जाता है. हनुमान जी (Hnauman Ji) का यह मंदिर बहुत ही खास है. यहां पर हनुमान जी (Hnauman Ji) के साथ-साथ वानरों की भी पूजा की जाती है. बजरंगबली की प्रतिमा के साथ कई सारे वानर मौजूद हैं.

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हनुमान जी के चरणों में बैठे है शनिदेव (Kashtbhanjan Hanuman Mandir Sarangpur)
मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों में शनिदेव स्त्री रूप में बैठे हुए हैं. मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन से ही भक्तों को शनि दोषों से मुक्ति मिलती हैं. किसी की कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान जी दर्शन से इसका प्रभाव कम होता है यहां दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कष्टभंजन हनुमान मंदिर का इतिहास (Kashtbhanjan Hanuman Mandir History)
गुजरात के कष्टभंजन हनुमान मंदिर से यह मान्यता जुड़ी है कि यहां पर हनुमान जी ने भक्तों को शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति दिलाई थी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब लोगों पर शनि का प्रकोप बढ़ गया था तो वह हनुमान जी से प्रार्थना करने लगे थे. हनुमान जी ने लोगों के कष्टों को दूर करने के लिए शनि देव से युद्ध करने का फैसला किया था.

जब वह शनि देव से लड़ने के लिए गए तो शनि देव ने स्त्री रूप धारण कर लिया था. उन्हें पता था कि हनुमान जी ब्रह्मचारी है और स्त्री पर हाथ नहीं उठाते हैं. ऐसे में वह स्त्री रूप धारण कर हनुमान जी से माफी मांगने लगे और अपना प्रकोप भी हटा लिया. यहीं वजह है कि इस मंदिर में हनुमान जी के चरणों में शनिदेव स्त्री रूप में बैठे हुए हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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