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जन्माष्टमी के लिए तिथि के साथ नक्षत्र का भी होता हैं महत्व, जानें कब मनाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव

Krishna Janmashtami 2023 Date: अबकी बार 31 अगस्त 2023 को भाद्रपद महीने की शुरुआत हो रही है. ऐसे में सितंबर के महीने में कृष्ण पक्ष अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

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जन्माष्टमी के लिए तिथि के साथ नक्षत्र का भी होता हैं महत्व, जानें कब मनाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव

Krishna Janmashtami 2023 Date

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डीएनए हिंदीः भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को हुआ था. धर्म शास्त्रों के अनुसार, कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. हिंदू पंचांग की इस तिथि को भक्त जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) के रूप में मनाते हैं. अबकी बार 31 अगस्त 2023 को भाद्रपद महीने की शुरुआत हो रही है.

ऐसे में सितंबर के महीने में कृष्ण पक्ष अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) मनाई जाएगी. भगवान कृष्ण जी का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था ऐसे में तिथि और नक्षत्र के कारण जन्माष्टमी की तिथि (Krishna Janmashtami 2023 Date) को लेकर लोग बहुत ही कंफ्यूज हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी.

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 तिथि और नक्षत्र (Shri Krishna Janmashtami 2023 Tithi And Nakshatra)
पंचांग की तिथि के अनुसार, भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2023 को दोपहर से 3 बजकर 27 मिनट से हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तिथि के लिए सूर्योदय के समय की तिथि को महत्व दिया जाता है. हालांकि कृष्ण जन्माष्टमी के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है. भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को हुआ था. रोहिणी नक्षत्र इस 6 सितंबर सुबह 9ः22 से 7 सितंबर की सुबह 10ः25 तक रहेगा. ऐसे में 7 तारीख को अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र रात में 12 बजे होगा. इसी दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व (Shri Krishna Janmashtami Importance)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पृथ्वीलोक पर कंस के अत्याचार बढ़ जाने के बाद उसका वध करने के लिए भगवान विष्णु ने कृष्ण जी का अवतार लिया था. भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार लेने के इसी दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. कंस भगवान कृष्ण के मामा थे. भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में कई लीलाएं रचते हुए कंस का वध किया था. हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण को पूजने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विधि-विधान से पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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