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Sawan 2022: जब भगवान शिव ने गाया राग भैरवी, जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा

Lord Shiva ने गाया राग भैरवी, जानिए शिव को क्यों पसंद है ये गीत और इसके पीछे क्या है पौराणिक कहानी. क्या है राग भैरवी और क्यों इसे कहते हैं सुहागनों का राग

Sawan 2022: जब भगवान शिव ने गाया राग भैरवी, जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा
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डीएनए हिंदी: सावन (Sawan 2022) में शिव के भक्त संगीत, राग नृत्य का खूब आनंद लेते हैं. भगवान शिव (Lord Shiva's Song) पर काफी गीत और भजन बने हुए हैं जो लगातार वे सावन के महीने में गाते और बजाते हैं लेकिन आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव भी गीत गाते हैं. उनके कुछ प्रिय गीत हैं जो उनके भक्त भी गाते हैं और वे भी गाते हैं. उस संगीत को राग भैरवी (Raag Bhairavi) कहते हैं. राग भैरवी को सदा सुहागनों का राग कहा जाता है. हिंदुस्तानी संगीत में भी यही राग सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. 

शिव ने गाया गाना (Lord Shiva's Favorite Song Raag Bhairavi)

भगवान शिव ने भी एक राग गाया था, जब भगवान राम लंका से वापस लौटते हैं तो शिव उनका स्वागत करने के लिए एक गीत गाते हैं. शिव को भैरवाधिपति भी कहा जाता है, जब उन्होंने खुद गाना गाया, उनका प्रिय राग है राग भैरवी. 

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जय राम रमा रमनं समनं, ..भव ताप भयाकुल पाहि जनम'

'अवधेस सुरेस रमेस बिभो,..सरनागत मागत पाहि प्रभो..'

शिव को पसंद है राग भैरवी

कहते हैं कि शिव को राग भैरवी पसंद था, इसलिए यह राग भैरवी में आबद्ध हुआ. सहजता, सरलता, लचीलापन ही राग भैरवी की पहचान है. इन भावों को व्यक्त करने के लिए सबसे लोकप्रिय है राग भैरवी

इसलिए लोगों से जुड़ता है राग

पंडित भीमसेन जोशी की आवाज में-'मिले सुर मेरा तुम्हारा' भी राग भैरवी में है. इस तरह अगर भैरवी की बनावट, बुनावट, सरगम को देखें तो सब मिलकर उसे इतना लचीला बनाते हैं कि यह एक ऐसा राग बनता है, जो शास्त्रीय संगीत में सबसे ज्यादा गाया जाता है. भैरवी का अनुशासन और मर्यादा काफी सख्त है, इससे खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. इसलिए इसे बहुत ही संजीदगी के साथ गाया जाता है. 

शास्त्रीय परंपरा के अनुसार इसको गाने और सुनने का समय सुबह का ही होता है या फिर किसी संगीत की बैठकी में संगीत के समापन का समय माना जाता है. शुद्ध शास्त्रीय गायन में इस परंपरा का निर्वाह हो भी जाता है पर राग भैरवी पर संगीतबद्ध गीत इस सीमा और अनुशासन के बंधन से कब का मुक्त हो चुके हैं. ज्यादातर संगीत में इस राग का चयन होता है.इसको सुनना आनंदमय होता है 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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