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Mangla Gauri Vrat 2023: 11 जुलाई को रखा जाएगा दूसरा मंगला गौरी व्रत, पति को दीर्घायु के लिए इस विधि से करें पूजा

Mangla Gauri Vrat 2023: सावन में मंगलवार के दिन का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है.

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Mangla Gauri Vrat 2023: 11 जुलाई को रखा जाएगा दूसरा मंगला गौरी व्रत, पति को दीर्घायु के लिए इस विधि से करें पूजा

Mangla Gauri Vrat 2023

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डीएनए हिंदीः सावन के महीने (Sawan Month 2023) में बहुत सारे व्रत व त्योहार आते हैं. इन सभी का विशेष महत्व होता है. इस बार 4 जुलाई 2023 को सावन (Sawan Month 2023) की शुरुआत हो चुकी है. अधिकमास होने से सावन (Sawan Month 2023) दो महीने का होगा ऐसे में सावन में और भी ज्यादा व्रत त्योहार पड़ रहे हैं. सावन में भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है. सावन में मंगलवार (Mangla Gauri Vrat 2023) के दिन का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) रखा जाता है.

यह व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) मां पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है. सावन की शुरुआत मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) के दिन ही हुई थी. अब सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) आने वाला है. तो चलिए आपको मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) की तिथि और महत्व के बारे में बताते हैं.

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सावन मंगला गौरी व्रत डेट (Mangla Gauri Vrat 2023 Date)
सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को था. अब दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई को पड़ रहा है. सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को है. मंगला गौरी व्रत पर चार शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन सुकर्मा योग, धृति योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का निर्माण हो रहा है. 

मंगला गौरी व्रत महत्व (Mangla Gauri Vrat 2023 Importance)
मंगला गौरी व्रत महिलाओं के लिए होता है. मां पार्वती ने इस व्रत को करके ही शिव जी को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए रखा जाता है. संतान प्राप्ति में बाधा को दूर करने और सुहाग और संतान की रक्षा के लिए भी यह व्रत रखा जाता है. यह व्रत करने से पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat 2023 Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहने और मंदिर में जाकर शिव पार्वती की पूजा कर व्रत का संकल्प लें.
- पूजन के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और पूरे विधि-विधान के साथ मां पार्वती और शिव जी की पूजा करें.
- मां पार्वती की पूजा में अक्षत, कुमकुम, फूल-फल और सोहल श्रंगार का सारा सामान चढ़ाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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