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Navratri History and Importance : ये हैं नवरात्रि के पीछे की दो पौराणिक कथाएं, क्या है व्रत का आध्यात्मिक महत्व

Navratri Vrat Katha- नवरात्रि के पीछे क्या है पौराणिक कथा, क्या है इतिहास, व्रत का आध्यात्मिक महत्व क्या है, जानिए सब कुछ यहां

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Navratri History and Importance : ये हैं नवरात्रि के पीछे की दो पौराणिक कथाएं, क्या है व्रत का आध्यात्मिक महत्व
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डीएनए हिंदी : Navratri History Mythological Story Imortance in Hindi- हर साल दुर्गा मां के भक्त नवरात्रि का त्योहार (Navratri) मनाते हैं, मां के अलग अलग रूपों की पूजा उपासना करते हैं. मां के हर रूप का अलग ही महत्व है, नवरात्रि के व्रत भी रखे जाते हैं. नवरात्रि कैसे और कब शुरू हुई, इसके पीछे क्या पौराणिक कथा है उसके बारे में भी जानते हैं.  

पौराणिक कथा और इतिहास (Mythological story and History)

पहली पौराणिक कथा के अनुसार,महिषासुर नाम का एक राक्षस था जो ब्रह्माजी का बहुत बड़ा भक्त था. उसने अपने तप से ब्रह्माजी को प्रसन्न करके एक वरदान प्राप्त कर लिया था. जिसके तरह उसे कोई देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला कोई मनुष्य मार नहीं सकता था. वरदान प्राप्त करते ही वह बहुत निर्दयी हो गया और तीनों लोकों में आतंक मचाने लगा. उसके आतंक से परेशान होकर देवी देवताओं ने ब्रह्मा,विष्णु,महेश के साथ मिलकर मां शक्ति के रूप में दुर्गा देवी को जन्म दिया. जिसके बाद मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया.तब से इस नौ दिनों को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है.

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दूसरी पौराण‍िक कथा के अनुसार,भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के साथ होने वाले युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवतीजी की आराधना की थी. रामेश्वरम में उन्होंने नौ दिनों तक माता की पूजा की. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने श्रीराम को लंका में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया, दसवें दिन भगवान राम ने लंका नरेश रावण को युद्ध में हराकर उसका वध कर लंका पर विजय प्राप्त की. इस दिन को विजयदशमी के रूप में जाना जाता है. 

आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance)

नवरात्रि का महत्व तब है जब मां दुर्गा असूर का विनाश करती है, यानि हमारे अंदर के विकारों को हमें खत्म करना होगा, जैसे देवी मां ने असूर का वध किया था ठीक वैसे ही हमें भी अपने विकारों का गला काटना होगा.धर्म स्थापना के कार्य में देवी का योगदान है, 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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