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बर्थडे केक रात 12 बजे काटना खुशी को मातम में बदल देगा, आयु घटेगी और दुर्भाग्य बढ़ेगा

Birthday Celebration In Nishita kaal: रात को 12 बजे जन्मदिन की शुभकामनाएं देना भले ही आपको नए जमाने के हिसाब से अच्छा लगता हो लेकिन शास्त्रों में इसे अशुभ बताया गया है.

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बर्थडे केक रात 12 बजे काटना खुशी को मातम में बदल देगा, आयु घटेगी और दुर्भाग्य बढ़ेगा

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदीः आजकल लोग बर्थडे पर रात को 12 बजे विश करते हैं. कई लोग रात को ही बर्थडे मनाते हैं. रात को 12 बजे जन्मदिन की शुभकामनाएं देना (Never Celebrate Birthday In Midnight) भले ही आपको नए जमाने के हिसाब से अच्छा लगता हो लेकिन शास्त्रों में इसे अशुभ (Never Celebrate Birthday In Midnight) बताया गया है. चलिए रात को जन्मदिन न मनाने और विश करने के कारणों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानते हैं.

आधी रात को होता है 'निशीथ काल'
भगवत गीता में बताया गया है कि अर्धरात्रि में निशीथ काल को रात्रि के तीन पुत्रों में से एक माना गया है. निशीथ का अर्थ अर्धरात्रि में झुकी हुई रात माना जाता है. यह समय रात को 12 बजे से 3 बजे के बीच होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस समय में भूत-पिशाच व काली शक्तियों का साया होता है. इन शक्तियों के प्रबल होने से व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

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बुरी शक्तियों के प्रभाव में केक काटने से होते हैं नुकसान
रात को 12 बजे केक काटने से बुरी शक्तियों के प्रभाव से भाग्य और आयु में कमी आ सकती है. ऐसा भी माना जाता है कि व्यक्ति इन नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बीमार पड़ सकता है. लोग जन्मदिन की पार्टियों में केक काटने के साथ ही शराब भी पीते हैं ऐसे में प्रेतकाल में इन सब के कारण व्यक्ति को दुर्भाग्या का भी सामना करना पड़ सकता है.

साल में कुछ दिनों निशीथ काल माना जाता है शुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निशीथ काल को अशुभ माना जाता है लेकिन साल में दीपावली, 4 नवरात्रि, शिवरात्रि और जन्माष्टमी पर यह काल शुभ माना जाता है. इन रात्रि को महानिशीथ काल बनता है. यह शुभ प्रभाव देता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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