Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में धार्मिक रूप से ऑनलाइन श्राद्ध करना सही होता है या गलत, जानें क्या कहते हैं शास्त्र

पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में देश ही नहीं, विदेशों में बैठे भारतीय लोग भी अपने पितरों का श्राद्ध गया से लेकर काशी में करा रहे हैं, जो लोग आने अक्षम हैं. वे लोग ऑनलाइन श्राद्ध कर रहे हैं, लेकिन क्या सही और शास्त्र सम्मत है. आइए जानते हैं.

Latest News
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में धार्मिक रूप से ऑनलाइन श्राद्ध करना सही होता है या गलत, जानें क्या कहते हैं शास्त्र
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

Pitru Paksha Tarpan And Shradh 2024: पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए विशेष माने जाने वाले पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इस बार पितृपक्ष 18 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहेंगे. इन 15 दिनों में घर में श्राद्ध करने से लेकर लोग अपने पितरों पिंडदान और तर्पण के लिए गया से लेकर काशी के पिशाचमोचन विमल तीर्थ स्थल तक पहुंच रहे हैं, जो लोग काशी या गया आने में सक्षम नहीं हैं. वह लोग ऑनलाइन माध्यम से पितृों का तर्पण कर रहे हैं. पितरों का ऑनलाइन  पिंडदान और श्राद्ध कराने वालों में सिर्फ भारतीय ही नहीं, विदेशों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं, लेकिन कई बार सवाल उठता है कि क्या ऑनलाइन श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है. यह मान्य और सही है तो आइए ज्योतिषाचार्य से लेकर शास्त्रों में इसको कैसा ठहराया इसके संबंध में जानते हैं...

गया से लेकर काशी में श्राद्ध और पिंडदान कराने वाले पुरोहितों की मानें तो उनके पास हर दिन 20 से 25 लोग बाहर देश से पिंडदान और पितृरों की शांति के लिए संपर्क कर रहे हैं, जो आने में अक्षम हैं वे ऑनलाइन पिंडदान और श्राद्ध करा रहे हैं. 

ऑनलाइन श्राद्ध है सही या गलत

पुरोहितों की मानें तो ऑनलाइन श्राद्ध कराने का शास्त्रों में कहीं भी वर्णन नहीं है. यह एक तरह से शास्त्र सम्मत नहीं है. इसलिए गलत है. पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान परिवार को ही खुद मौजूद होकर अपने हाथों से करना चाहिए. पुरोहित ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ऑनलाइन श्राद्ध फलीभूत नहीं होता है. भौतिक रूप से किया गया श्राद्ध या तर्पण ही पूर्ण माना जाता है. 

ऑनलाइन श्राद्ध से बचने के लिए कर सकते हैं ये काम

गया से लेकर काशी में श्राद्ध करने वाले पुरोहित बताते हैं कि अगर आपके पास समय नहीं हैं तो ऑनलाइन श्राद्ध की जगह अपने किसी प्रतिनिधि को भेजकर श्राद्ध और तर्पण करा सकते हैं. यह शास्त्रों में सम्मत है. यह आपकी सुविधा के अनुसार भी है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)  

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement