Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Ramadan 2023: माह-ए-रमजान में क्या करना चाहिए और किन कामों को करने की होती है मनाही, जानिए सबकुछ

Ramadan 2023: रोजे में सिर्फ सुबह सेहरी और शाम को इफ्तार के समय ही खाना खा सकते हैं. रमजान के पाक महीने में लोगों को और भी कई नियमों पालन करना चाहिए.

Ramadan 2023: माह-ए-रमजान में क्या करना चाहिए और किन कामों को करने की होती है मनाही, जानिए सबकुछ

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: इस्लाम धर्म को मानने वालों के पाक-पवित्र महीने रमजान (Ramadan 2023) की शुरूआत हो चुकी है. रमजान (Ramadan 2023) इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है. जो आज 24 मार्च 2023 से शुरू हो गया है. रमजान (Ramadan 2023) में लोग अल्लाह की इबादत के लिए रोजे (Roza Ramadan) रखते हैं और बिना कुछ खाए-पिए और कठोर नियमों के साथ उपवास करते हैं. रोजे (Roza Ramadan) में पूरा दिन कुछ भी खाने पीने की मनाही होती है. रोजे (Roza Ramadan) में सिर्फ सुबह सेहरी और शाम को इफ्तार के समय ही खाना खा सकते हैं. रमजान (Ramadan 2023) के पाक-पवित्र महीने में लोगों को और भी कई नियमों पालन करना चाहिए. तो चलिए इन नियमों के बारे में जानते हैं. 

रमजान में क्या करें (What To Do In Ramadan)
- मुस्लिम धर्म में रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करना बहुत ही जरूरी होता जाता है. रोजे के दौरान रोजेदार को सभी पांच नमाज अदा करनी चाहिए. 
- सेहरी व इफ्तार का समय निश्चित होता है. रोजेदार को सेहरी और इफ्तार समय पर ही करनी चाहिए. आपको सेहरी और इफ्तार में खाने की चीजों को जरूरतमंद लोगों को दान भी करना चाहिए.
- जितना हो सके समय खुदा की इबादत में लगाएं. रमजान में खुदा की इबादत करना बहुत ही अच्छा होता है.
- कई लोग रोजे के दौरान स्नान को मना करते हैं लेकिन आप चाहे तो रोजे के दौरान या नमाज अदा करने के बाद स्नान कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें - Ramadan Calendar 2023: रमजान में होगा सवा 14 घंटे का रोजा, सेहरी व इफ्तार का कैलेंडर हुआ जारी, यहां देखें समय

रमजान में क्या न करें (What Not To Do In Ramadan)
- रोजे के दौरान किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए. व्यक्ति को रोजे में धूम्रपान भी नहीं करना चाहिए. 
- रोजे में मगरिब की नमाज के पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए. शाम के समय सूर्योस्त के समय वाली नमाज को मगरिब की नमाज कहते हैं. 
- रोजे रखने वाले व्यक्ति को किसी के भी प्रति द्वेष भावना नहीं रखनी चाहिए यानी व्यक्ति को किसी दूसरे के सुख से दुखी नहीं होना चाहिए.
- रोजा रखने के दौरान दवा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे रोजा नहीं रखना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement