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Sawan Purnima 2023: इस सावन पूर्णिमा पर बन रहा दुर्लभ योग, जानें तारीख, शुभ-मुहूर्त, महत्व और पूजाविधि

सावन और अधिकमास के साथ ही पूर्णिमा का यह बहुत ही शुभ योग है. इसमें भगवान की पूजा आराधना करने के साथ जप करने से विष्णु भगवान सभी मनोकामाओं को पूर्ण करते हैं.

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Sawan Purnima 2023: इस सावन पूर्णिमा पर बन रहा दुर्लभ योग, जानें तारीख, शुभ-मुहूर्त, महत्व और पूजाविधि
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डीएनए हिंदी: (Sawan Purnima Date And Time) हिंदू धर्म में सावन मास का बहुत बड़ा महत्व होता है. इस माह में पड़ने वाली तिथियां और भी खास होती है. हर साल सावन के महीने में एक पूर्णिमा और अमावस्या होती थी, लेकिन इस बाद सावन पूरे 59 दिनों का है. इसबीच अधिकमास भी है. ऐसे में सावन के महीने में यह दूसरी पूर्णिमा है, ऐसा योग बहुत दुर्लभ और शुभ माना जाता है. इसका आध्या​त्मिक महत्व भी है. इस दिन भगवान शिव के साथ ही विष्णु जी की पूजा करने और सत्यनारायण व्रत रखने पर लाभ होता है. चंद्र के दोष दूर होने के साथ ही जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है. 

इस बार दूसरी पूर्णिमा सावन मास में ही 1 अगस्त 2023 मंगलवार को है. इस दिन भगवान शिव के साथ विष्णु जी की पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं. भगवान सभी मनोकामाओं को पूर्ण कर धन संपत्ति का योग बनाते हैं. भगवान हर तरह की समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ ही विशेष कृपा करते हैं. 

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सावन की पूर्णिमा पर ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचाग के अनुसार, इस बार मास की दूसरी पूर्णिमा भी सावन में पड़ रही है. ऐसे में यह बहुत ही दुर्लभ होने के साथ ही शुभ योग है.  यह योग पूर्णिमा का महत्व और ज्यादा बढ़ा देता है. इस बार पूर्णिमा 1 अगस्त 2023 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. इसका शुभ समय सुबह 3 बजकर 51 मिनट से देर रात 12 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. इस दिन किए गए सभी दान पुण्य शुभ कार्यों से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. घर में सुख समृद्धि और शांति आती है. 

सावन मास की पूर्णिमा का महत्व

सावन मास की पूर्णिमा धार्मिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ होती है. इस दिन भगवान विष्णु जी की विशेष पूजा करने और सत्यनारयण व्रत रखने पर सभी पापों से छुटकारा मिलता है. हवन यज्ञ करने से पुण्य मिलता है. भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर भगवान घर में सुख शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं. इस बार सावन और अधिकमास में इस पूर्णिमा के पड़ने से महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है. यह बहुत ही मंगलकारी है. इस दिन विष्णु भगवान की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है. दिमाग और मन में चल रही उत्थल पुथल शांत होती है. पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के साथ ही, अन्न, धन और कपड़ा दान करना बहुत ही अच्छा होता है. 

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पूर्णिमा की पूजा विधि

सावन मास की पूर्णिमा पर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. इस दिन गंगा जी में स्नान करने से बड़ा पुण्य मिलता है. अगर गंगा जी में स्नान नहीं कर पाते हैं तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल डाल लें. स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. साथ ही 'ऊँ घृणि: सूर्याय नम:' मंत्र का जप करें. इसके बाद एक साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान की विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करें उन्हें धूप दीप और नेवैद्य अर्पित करें. भगवान विष्णु का मंत्र ऊँ श्री भगवते वासुदेवाय नम: का जप करें. साथ ही श्रद्धा के साथ सत्यनारायण व्रत रखने का संकल्प लें. शाम के समय में भगवान विष्णु जी की पूजा करें भगवान की आरती कर तुलसी, केला, पंचामृत का भोग लगाएं. इसके बाद भगवान भोग प्रसाद बांट कर खा लें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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