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Maa Brahmacharini Aarti: शारदीय नवरात्रि के ​दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें माता की आरती, मंत्र और पसंदीदा भोग

Shardiya Navratri 2nd Day:नवरात्रि का दूसरा दिन मां मां ब्रह्मचारिणी का होता है. इस दिन माता आरती, मंत्र और माता को उनका प्रिय भोग लगाने से कृपा प्राप्त होती है. 

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Maa Brahmacharini Aarti: शारदीय नवरात्रि के ​दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें माता की आरती, मंत्र और पसंदीदा भोग
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Navratri 2nd Day Maa Brahmacharini: इस बार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई है. नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री तो वहीं दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. मां ब्रह्मचारिणी को ध्यान, ज्ञान व वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है. इस दिन माता की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना, मंत्र जाप, भोग और आरती से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. मां ब्रह्मचारिणी का उद्भव ब्रह्माजी के कमंडल से माना जाता है. यही वजह है कि माता का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. आइए जानते हैं माता की पूजा की विधि से लेकर आरती, मंत्र और पसंदीदा भोग से लेकर रंग तक सब कुछ...

ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Maa Brahmacharini Puja)

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है. इसमें सुबह उठकर स्नान आदि करके मां की आराधना कर ज्ञान वैराग्य की प्राप्ति होती है. मां ब्रह्मचारिणी को उनकी मनपसंद मिठाई का भोग लगाते हैं. इसके साथ ही मंत्र आरती करते हैं. मां ब्रह्मचारिणी के हवन में सामग्री के साथ धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवा, मिश्री-मिष्ठान, देसी घी के साथ आहुति देकर पूजन किया जाता है. यह बेहद शुभ साबित होता है.

ब्रह्मचारिणी मां का मंत्र (Brahmacharini Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:

दधाना काभ्याम् क्षमा कमण्डलू. देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा

मां ब्रह्मचारिणी की आरती (Maa Brahmacharini Aarti) 

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता.
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता.
ब्रह्मा जी के मन भाती हो.
ज्ञान सभी को सिखलाती हो.
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा.
जिसको जपे सकल संसारा.
जय गायत्री वेद की माता.
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता.
कमी कोई रहने न पाए.
कोई भी दुख सहने न पाए.
उसकी विरति रहे ठिकाने.
जो ​तेरी महिमा को जाने.
रुद्राक्ष की माला ले कर.
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर.
आलस छोड़ करे गुणगाना.
मां तुम उसको सुख पहुंचाना.
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम.
पूर्ण करो सब मेरे काम.
भक्त तेरे चरणों का पुजारी.
रखना लाज मेरी महतारी.

यह माता पसंदीदा रंग, फूल और भोग

मां ब्रह्मचारिणी का पसंदीदा रंग सफेद है. पसंदीदा सफेद फूल और भोग खीर, फल, मिठाई आदि है. 
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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