Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Navratri 2023: देवी दुर्गा की तीसरी आंख का क्या है महात्म्य? जानें भगवान शिव और कामदेव की ये कथा

महादेव की तरह मां दुर्गा की भी तीन आंखें हैं. देवी दुर्गा की तीसरी आंख महात्म्य क्या है चलिए जानें.

Latest News
Navratri 2023: देवी दुर्गा की तीसरी आंख का क्या है महात्म्य? जानें भगवान शिव और कामदेव की ये कथा

Significance of third eye of Devi Durga 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदीः नवरात्री में बस कुछ दिन और इंतजार करना होगा.15 अक्टूबर से दुर्गा पूजा शुरू होगी. पुण्य लग्न में देवी दुर्गा की पूजा करने से पहले जान लें कि देवी का तीसरा नेत्र क्या महात्म्य है.

देवी दुर्गा आद्याशक्ति महामाया का पार्वती या अम्बिका रूप हैं. शक्तिरूपिणी दुर्गा इस संसार की सभी ऊर्जाओं के केंद्र में स्थित हैं. वह स्वयं महादेव का अंश हैं. देवी बुरी ताकतों को हराने के लिए मनुष्यों के पास आती हैं. मां दुर्गा के आगमन की कथा मार्कंड पुराण के भाग स्कंद पुराण में मिलती है.

स्वामी महादेव की तरह मां दुर्गा की भी त्रिनेत्र आंखें हैं. जहां देवी की तीसरी आंख का उल्लेख है, वहां उन्हें 'त्र्यम्बके' कहा गया है. पुराणों के अनुसार, महादेव की तीसरी आंख ज्ञान का प्रतीक है और मां दुर्गा की बाईं आंख में चंद्रमा है, जो मन की इच्छा का प्रतीक है. देवी की दाहिनी आंख में सूर्य है, जो क्रिया का प्रतीक है, और उनकी तीसरी आंख में अग्नि है, जो ज्ञान का प्रतीक है.

श्री दुर्गा सप्तसती - चंडी मंत्र कहता है:
सर्व मंगल मांगल्य, शिव सर्वार्थ साधि, शरण्य त्रंबके
गोरी नारायणी नमस्ते, नारायणी नमस्ते, नारायणी नमस्ते.

अर्थात्, हे माँ गौरी, आप शिव का अंश हैं, आप सबसे पवित्र हैं. आप सबके मन की इच्छा पूर्ण करते हैं. मैं अपने आप को आपके चरणों में समर्पित करता हूँ.

पुराणों के अनुसार देवी पार्वती की पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है. वह कभी दुर्गा , कभी चंडी, कभी काली और कभी उमा होती है.

दुर्गा के तीसरे नेत्र का माहात्म्य 

हिंदू धर्म में नारियल को बहुत पवित्र माना जाता है. इसलिए इसे श्रीफल कहा जाता है. नारियल पर तीन काले गोल निशान होते हैं. इसे नारियल की तीन आंखें कहा जाता है. नारियल की तीसरी आंख अहंकार को दूर करने का प्रतीक है. तीसरी आंख मन की उच्च चेतना का प्रतिनिधित्व करती है. शिव सिद्धांत के अनुसार तीसरी आंख मन की उच्चता और पवित्रता का स्वरूप व्यक्त करती है. यह तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रकाश प्रकाशित करता है.

उनकी तपस्या में विघ्न डालने पर महादेव ने अपना तीसरा नेत्र प्रकट कर कामदेव को भस्म कर दिया. अर्थात तीसरी आँख मन की इच्छाओं को भस्म करने की शक्ति रखती है. ऐसा माना जाता है कि हममें से प्रत्येक के पास एक तीसरी आंख होती है, जो नग्न आंखों से अदृश्य होती है. मन की पवित्रता और ज्ञान का स्वरूप इसी तीसरे नेत्र से प्रकट होता है. आम आदमी की यह तीसरी आंख हमेशा खुली रहती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement