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Surya Dev Mantra: इन 5 सूर्य मंत्रों के जाप से होगा भाग्योदय, मान-सम्मान से लेकर सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

Surya Dev Mantra: सूर्य ग्रह को नवग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्यदेव की इन खास मंत्रों के साथ पूजा करने से भाग्य उदय होता है.

Surya Dev Mantra: इन 5 सूर्य मंत्रों के जाप से होगा भाग्योदय, मान-सम्मान से लेकर सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्रों (Jyotish Shastra) में नवग्रहों के बारे में बताया गया है. इन सभी नवग्रहों में से सूर्य ग्रह को नवग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव (Surya Dev) को रोजाना जल का अर्घ्य देना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से भाग्य उदय होता है और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है. सूर्य देव के मंत्रों का जाप (Surya Dev Mantra) करने से भी जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है. सूर्य देव की पूजा से रोगों से दूर रहते हैं और पिता के साथ संबंध भी अच्छे होते हैं. सूर्य देव की पूजा (Surya Dev Puja) से ज्ञान में वृद्धि होती है साथ जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सूर्य देव की पूजा (Surya Dev Puja) करने और मंत्रों का जाप (Surya Dev Mantra) करने से आर्थिक उन्नती भी होती है. तो चलिए जीवन में शुभ परिणाम पाने के लिए आपको सूर्य मंत्रों (Surya Dev Mantra) के बारे में बताते हैं.

सूर्य मंत्र का जाप करने के फायदे (Benefits Of Chanting Surya Mantra)
"ॐ सूर्याय नमः"

सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभ होता है. इस मंत्र का अर्थ होता है "हम उनसे प्रार्थना करते हैं जो जीवन से अंधकार को दूर करते हैं और जो हमारे किए कर्म के लिए जिम्मेदार हैं." वैदिक ग्रथों में सूर्यदेव को सात घोड़ों पर सवार होकर आकाश में यात्रा करते हुए कल्पना की गई है. ये सभी घोड़े ही सर्वोच्च चेतना की किरणों के प्रतीक बताए गए हैं.

"ॐ घृणि सूर्याय नमः"
सूर्यदेव का यह मंत्र बहुत ही चमत्कारी माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से भक्तों की इच्छा पूरी होती है. यह मंत्र सूर्य मंत्र के नाम से जाना जाता है. आप इस सूर्य मंत्र का जाप कभी भी कर सकते हैं.

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"ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयत"
यह सूर्यदेव का गायत्री मंत्र हैं इसका जाप सूर्यदेव का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है. इस मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय करना चाहिए. इस मंत्र का जाप करने से कुंडली में सूर्यदेव की स्थिति अच्छी रहती है.

"एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर"
सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को ज्ञान, स्वास्थ्य, उच्च पदों, प्रसिद्धि व सफलता की प्राप्ति होती है. सू्र्यदेव के इस मंत्र के जाप से वह व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं.

"उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:
यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा
सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:
यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्यच"

सूर्यदेव के इस मंत्र का जाप करने से जातक को बहुत ही लाभ होता है. इस मंत्र के जाप से जातर हमेशा ही अपने शत्रुओं पर हावी रहता है. समाज में उसकी स्थिति हमेशा मजबूत बनी रहती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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