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Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी कब है और क्यों बांधना चाहिए इस दिन अनंत सूत्र? जान लें बनाने का तरीका भी

अनंत चतुर्दशी के शुभ दिन पर हाथ पर अनंत सूत्र बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि इस रक्षा सूत्र को बांधने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है और जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं. अनंत सूत्र का निर्माण कैसे करें? अनंत चतुर्दशी पर क्यों बांधना चाहिए अनंत सूत्र?

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Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी कब है और क्यों बांधना चाहिए इस दिन अनंत सूत्र? जान लें बनाने का तरीका भी

अनंत चतुर्दशी

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भक्त भगवान गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं. अनंत चतुर्दशी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है.

कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दर्शी त्योहार 17 सितंबर को है और उसी दिन गणेश वर्ष मनाया जाता है. कई जगहों पर अनंत चतुर्दशी के दिन हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा जाता है और इस रक्षा सूत्र में एक या दो नहीं बल्कि 14 गांठें लगाई जाती हैं. आइए जानते हैं इस अनंत सूत्र का महत्व.
 
1. अनंत सूत्र का क्या महत्व है?

हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का बहुत महत्व है. इस शुभ दिन पर हाथ में 14 गांठों वाला रक्षा सूत्र बांधा जाता है. यह रक्षा सूत्र सूती या रेशम का बना होता है. अनंत दारा यानी रक्षा सूत्र में बंधी 14 गांठें विभिन्न लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति चौदह वर्षों तक पूरे विधि-विधान से पूजा करता है और चौदह गांठें लगाता है उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

पौराणिक कथा के अनुसार, जब पांडव जुए में अपना राज्य हार गए और जंगल में भटक रहे थे, तो भगवान कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने की सलाह दी. धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों और द्रौपदी के साथ इस व्रत को पूरे विधि-विधान से किया और अनंत सूत्र का पाठ किया. अनंत चतुर्दशी व्रत के प्रभाव से पांडवों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल गई.
कृष्ण

2. अनंत सूत्र का निर्माण कैसे करें?
- अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र यानी रक्षासूत्र बांधा जाता है. इस धागे को पुरुष अपने दाहिने हाथ पर और महिलाएं अपने बाएं हाथ पर बांधती हैं.
- बांधने से पहले इस धागे को मंदिर में रख दिया जाता है और विधि-विधान से विष्णु जी की पूजा करने के बाद ही इसे बांधा जाता है.
- अनंत चतुर्दशी के दिन सनंत सूत्र का पाठ करने वालों को व्रत रखना चाहिए.
- रक्षासूत्र यानी अनंत दारा को 14 दिनों तक हाथ पर बांधना चाहिए और 14 दिनों के बाद इसे उतारकर पूजा स्थान पर रख देना चाहिए.
- यदि कोई व्यक्ति 14 दिनों तक धागा बांधने में असमर्थ है तो पूजा वाले दिन ही धागा खोलकर मंदिर या देवता के कक्ष में रख दिया जा सकता है.
- अनंत सूत्र बांधने के बाद 14 दिनों तक मांस, शराब या तामसिक भोजन न करें.

अनंत चतुर्दशी पर्व के दिन कई घरों में हाथ पर 14 गांठ वाला रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि इस रक्षा सूत्र को बांधने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर हो जाती हैं.
 

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