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जब Virender Sehwag की बात सुनकर डर गए थे Murali Vijay, खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर होने का था दवाब

IND vs AUS के बीच खेली गई 2013 टेस्ट सीरीज के पहले मैच में मुरली विजय दोनों पारियों में फ्लॉप रहे थे.

जब Virender Sehwag की बात सुनकर डर गए थे Murali Vijay, खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर होने का था दवाब

virender sehwag gives signal to murali vijay to drop from indian cricket team reveals his turning point

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डीएनए हिंदी: भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket Team) में ऐसे कई खिलाड़ी हैं या रहे हैं जिनके योगदान को कभी नहीं भूला जा सकता है.  विराट कोहली (Virat Kohli), एमएस धोनी (MS Dhoni), रोहित शर्मा (Rohit Sharma) या इनकी कप्तानी में खेलने वाले कई खिलाड़ी. एक दौर था जब सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जैसे खिलाड़ियों के बाद टेस्ट टीम को चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara), कोहली और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) जैसे खिलाड़ियों ने आगे बढ़ाया. उस दौरान धोनी की कप्तानी में खेलने वाले मुरली विजय (Murali Vijay) ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में बल्लेबाजी की लंब समय तक टेस्ट टीम में भारत के महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे. 

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विजय ने भारत के लिए 61 टेस्ट मैचों में भाग लिया, जिसमें 38.29 की औसत से 3982 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल थे. मुरली विजय ने शिखर धवन के साथ टेस्ट में भारत के लिए ओपनिंग की और मजबूत जोड़ी बनाई.  साल 2008 से लेकर 2011 तक विजय भारतीय टीम के होनहार खिलाड़ी माने जाते थे. लेकिन 2013 में कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद वह टीम से बाहर होने के कगार पर आ गए. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज को याद करते हुए बताया कि कैसे पहले मैच में 10 और 6 के स्कोर के बाद उन्हें टीम से बाहर होने का डर सताने लगा. लेकिन विजय ने हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में 167 रन की पारी खेल अपने डर को खत्म किया. 

सहवाग की बात सुनकर डर गए थे विजय

विजय ने कहा, "मुझे निश्चित रूप से यह करियर का महत्वपूर्ण मोड़ लगा जब मैंने अपनी वापसी के लिए हैदराबाद में अपना शतक जड़ा. मुझे सही साल नहीं पता लेकिन उस समय वीरेंद्र सहवाग और मैं ओपनिंग करते थे. सहवाग मेरे पास आए और कहा कि यह आपकी आखिरी टेस्ट सीरीज हो सकती है और मुझे लगा कि हैदराबाद की पारी कुछ अलग थी. विजय ने अपने दूसरे टेस्ट शतक के बाद तीसरे में 153 रन बनाए, जो धवन का टेस्ट डेब्यू भी था.

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वहां से विजय ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने जल्दी ही भारत के सबसे अच्छे बल्लेबाजों में से एक होने तमगा भी हासिल किया. 2014 में विजय ने नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ 144, ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के 146 रनों की पारी खेली. विजय ने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ एक बार फिर से शतक जड़े और 2018 में इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन के बाद अपनी जगह हमेशा के लिए खो दी. 

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