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PM Modi Launch 5G: क्या हमें मोबाइल कंपनियां देंगी रियल 5G? जानिए SA और NSA 5G में क्या फर्क है

5G Data Service जो देश में फिलहाल शुरू हो रही है, वो दुनिया के बाकी 5G नेटवर्क के मुकाबले थोड़ा धीमा साबित हो सकती है.

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PM Modi Launch 5G: क्या हमें मोबाइल कंपनियां देंगी रियल 5G? जानिए SA और NSA 5G में क्या फर्क है
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डीएनए हिंदी: देश में पिछले दो दशक से चल रही मोबाइल क्रांति में वह वक्त आ गया है, जब ये एक नए पायदान पर पहुंचने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडियन मोबाइल कांग्रेस (Indian Mobile Congress) के दौरान आज देश में 5G Services का आगाज करेंगे. अभी ये सेवाएं महज कुछ मेट्रो शहरों में ही शुरू होंगी. महज दो महीने पहले ही देश में 5G Spectrum की नीलामी हुई है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या देश में इन सेवाओं को शुरू करने लायक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है? क्या जो 5G सेवा हमें मिलने जा रही है, वो वैसी ही गतिशील साबित होगी, जैसी पहले ही इस सेवा को चालू कर चुके दुनिया के कई देशों में मिल रही है? दरअसल इसके लिए हमें 5G सर्विस के उस तकनीकी पहलू को जानना होगा, जो देश में इस सेवा को चालू करने की खबरों में कोई भी मोबाइल कंपनी नहीं बता रही है. ये तकनीकी पहलू है एसए 5G (Standalone 5G) और एनएसए 5G (Non-Standalone 5G) के बीच फर्क का.

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पहले बात करते हैं 5G और 4G के फर्क की

देश में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स और मोबाइल कंपनियां फिलहाल 4G सेवाएं दे रही हैं, जिसमें आदर्श परिस्थितियों में इंटरनेट स्पीड करीब 100 MBPS तक व डाटा स्पीड करीब 200 MBPS तक होती है, जबकि 5G सर्विस में यह स्पीड अधिकतम 10,000 MBPS व 1 GBPS तक पहुंच सकती है. हालांकि स्पीड का यह गणित स्पेक्ट्रम की बैंडविड्थ पर निर्भर करता है. 4G सर्विस में औसतन स्पीड 25 MBPS रहती है, जबकि 5G में 200 से 400 MBPS तक हो सकती है. यदि एरिया कवरेज की बात की जाए तो 4G सर्विस से 1 किलोमीटर के दायरे में महज 4,000 डिवाइस कनेक्ट की जा सकती हैं, वहीं 5G में यह संख्या बढ़कर 10 लाख डिवाइस तक पहुंच जाता है. 

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अब जानिए क्या है एसए 5G और एनएसए 5G

इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर 5G सेवाएं एसए 5G और एनएसए 5G में बंटती है, जिसमें नेटवर्क परफॉर्मेंस और क्वालिटी का बेहद अंतर होता है. इन्हें निम्न प्रकार से समझा जा सकता है.

  • एसए5G: यह स्टैंडअलोन नेटवर्क पर काम करती है यानी वो नेटवर्क जो केवल 5G सेवाओं के लिए तैयार किया गया है. यह एंड-टू-एंड पूरी तरह से 5G नेटवर्क ही होता है. इसे 4G या 3G, किसी भी अन्य सर्विस के साथ साझा नहीं किया जाता है. स्टैंडअलोन नेटवर्क होने के कारण यह रियल 5G स्पीड का अनुभव देता है. यह अल्ट्रा-लो लैंटेसी प्रोवाइड कराता है, जिससे क्लाउड रीच और रियल टाइम स्ट्रीमिंग की क्वालिटी बेहद शानदार हो जाती है. इससे 10 से 20 GBPS तक की डाउनलोड स्पीड हासिल हो सकती है यानी 1 GB की मूवी महज 5 सेकंड में डाउनलोड की जा सकती है. एसए 5G नेटवर्क ही एक बार में दस लाख से अधिक डिवाइस को संभाल सकता है. इस नेटवर्क पर आपको वीओएनआर (वायस ओवर न्यू रेडियो) के साथ बेहतर वायस कॉलिंग का अनुभव मिलेगा और यह बेहद कम बिजली की खपत करता है यानी इस नेटवर्क पर चलने वाले मोबाइल फोन का बैटरी बैकअप ज्यादा लंबा होगा.
  • एनएसए 5G: आपमें से जो लोग 4G फाइबर नेटवर्क यूज कर रहे हैं, वे जानते ही होंगे कि मौजूदा 4G नेटवर्क के कोर में 5G जैसी स्पीड मिलती है. एनएसए 5G नेटवर्क पहले से मौजूद इसी 4G नेटवर्क कोर के सहारे ही काम करता है. इसके लिए अलग से कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ती है. पुराने 4G इंफ्रास्ट्रक्चर के मामूली अपग्रेडेशन से ही बेहत कम समय में एनएसए 5G की सर्विस शुरू की जा सकती है. भारत में भी मोबाइल कंपनियां इसी तरीके से तत्काल 5G सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही हैं. हालांकि एक ही नेटवर्क को 5G और 4G, दोनों ही सेवाओं के शेयर किए जाने से इसमें डाटा स्पीड का एक्सपीरियंस रियल 5G जैसा बेहतरीन नहीं होगा. इसमें वीओएनआर (वायस ओवर न्यू रेडियो) नहीं मिलेगा, इसलिए कंपनियों को 4G LTE के जरिए ही वॉयस कॉल ऑफर करनी होगी. हालांकि इसकी डाउनलोडिंग स्पीड 4G के मुकाबले बहुत ज्यादा होगी और माना जा रहा है कि यह 1 GBPS तक की डाटा स्पीड उपलब्ध कराएगा. 

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भारत में कौन सी कंपनी का कैसा नेटवर्क

देश में शुरू हो रही 5G सेवाओं की बात करें तो रिलायंस जियो ने जहां अपना स्टैंडअलोन 5G (एसए 5G) इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाने का दावा किया है, वहीं एयरटेल और वोडाफोन जल्दी से जल्दी सेवाएं शुरू करने के लिए फिलहाल 4G कोर के सहारे नॉन स्टैंडअलोन 5G (एनएसए 5G) सेवा शुरू करने जा रही हैं. 

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क्या होगा पीएम मोदी के बटन दबाते ही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इंडियन मोबाइल कांग्रेस में जैसे ही 5G सेवाएं शुरू करने का बटन दबाएंगे, तो उसके साथ ही उत्तर प्रदेश और गुजरात का नाम 5G नेटवर्क की सूची में जुड़ जाएगा. पीएम के बटन दबते ही उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर (प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र) और गुजरात के अहमदाबाद जिले के एक गांव में 5G डाटा सर्विस शुरू हो जाएगी. वाराणसी में जहां यह सर्विस एयरटेल उपलब्ध कराएगा, वहीं अहमदाबाद में रिलायंस जियो का नेटवर्क शुरू होगा. 

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दुनिया में कहां कैसी है अभी 5G स्पीड

यदि दुनिया में 5G की स्पीड की बात की जाए तो सबसे ज्यादा तेज डाटा दक्षिण कोरिया में मिलता है, जहां 432.7 MBPS की एवरेज डाटा स्पीड मिलती है. दक्षिण कोरिया के बाद 300+ MBPS औसत गति वाले देशों में मलेशिया (382.2 MBPS), स्वीडन (333.9 MBPS), बुल्गारिया (316.8 MBPS), यूएई (308.9 MBPS) शामिल हैं. दुनिया के टॉप-15 देशों में सबसे खराब डाटा स्पीड फिनलैंड की है, जहां 237.1 MBPS की गति से 5G सर्विस उपलब्ध है.

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