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बुरी खबरः अगले साल बंद हो सकती है मारुति सुजुकी से लेकर टाटा की 17 कारें, खरीदने से पहले जान लें कारण

रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2023 से लागू होने वाले नए इमिशन रेगुलेशन के कारण कई वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने कई मॉडल्स को बंद करने का फैसला किया है.

बुरी खबरः अगले साल बंद हो सकती है मारुति सुजुकी से लेकर टाटा की 17 कारें, खरीदने से पहले जान लें कारण

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डीएनए हिंदीः साल 2023 की शुरुआत से पहले ही मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, होंडा और हुंडई जैसी वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने कार के कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है. कंपनियों के अनुसार यह फैसला बढ़ते इनपुट कॉस्ट और नए इमिशन रेगुलेशन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. जहां एक ओर कंपनियां कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर चुकी हैं वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो अप्रैल 2023 से 17 कारों को बंद भी किया जा सकता है. लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार इसका कारण अप्रैल में आने वाला नया इमिशन रेगुलेशन है जिसे रियल ड्राइविंग इमिशन  (RDE) के नाम से जाना जाता है. RDE को अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा. 

क्या है रियल ड्राइविंग इमिशन (RDE) के नियम

रियल ड्राइविंग इमिशन (RDE) में व्हीकल्स में सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस होना जरूरी है जो इन व्हीकल्स के ड्राइविंग इमिशन लेवल को रियल टाइम में मॉनिटर करेगा. यह डिवाइस लगातार गाड़ी के कुछ कम्पोनेंट्स को मॉनिटर करेगा जिससे इमिशन स्टैंडर्ड पर कड़ी नजर रखी जा सके. इसमें RDE द्वारा लगातार कैटेलिटिक कन्वर्टर और ऑक्सिजन सेंसर को मॉनिटर किया जाएगा. यह लैब के बजाए गाड़ियों से निकलने वाले NOx को रियल टाइम में मापता है.दावा है कि RDE से लैब से बेहतर रिपोर्ट आती है. RDE को भारत में BS-VI इमिशन स्टैंडर्ड के लेवल 2 के रूप में लागू किया जाएगा, जिसका पहला चरण 2020 में शुरू हुआ था.

RDE का व्हीकल्स पर क्या होगा असर
 
अप्रैल 2023 से लागू होने वाले नए उत्सर्जन मापदंड के अनुसार भारत में आने वाले सभी व्हीकल्स RDE डिवाइस के साथ अपडेटेड माइक्रोचिप (सेमीकंडक्टर) से लैस होने चाहिए. सेमीकंडक्टर के अपडेट होने के बाद यह थ्रॉटल, क्रैंकशाफ्ट पोजिशन, एयर प्रेशर, इंजन टेंपरेचर और इग्जॉस्ट इमिशन (पार्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड, CO2, सल्फर), आदि को अपग्रेड होगा. इसके अलावा, फ्यूल जलने के स्तर को कंट्रोल करने के लिए व्हीकल्स में प्रोग्राम किए गए फ्यूल इंजेक्टर भी मिलेंगे.

इन अपग्रेड्स के कारण वाहन निर्माता कंपनियों को अपने व्हीकल के इंजन और अन्य जरूरी कम्पोनेंट को अपडेट करना होगा जिससे वर्तमान की तुलना में इनकी कीमत और बढ़ जाएगी. नए नियम के आने से डीजल व्हीकल पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. इसके साथ ही कुछ डीजल कारों की कीमत वर्तमान के पेट्रोल कारों से भी ज्यादा हो सकती है.
 
इसके अलावा इस अपग्रेड का भारत में बिकने वाली कारों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. अपग्रेड के कारण कार निर्माताओं को इन कारों की कीमत में इजाफा करना होगा जिससे ग्राहकों के ऊपर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. इसलिए ऐसा माना जा रहा है की आने वाले इमिशन रेगुलेशन के कारण कंपनियां कुछ गाड़ियों को बंद भी कर सकती हैं. 

ये कारें हो सकती हैं बंद

रिपोर्ट के अनुसार जिन कारों को बंद किया जा सकता है उसमें मारुति सुजुकी ऑल्टो 800, हुंडई i20 डीजल, होंडा सिटी 4 जेनरेशन, होंडा सिटी 5 जेनरेशन डीजल, होंडा अमेज डीजल, हुंडई वरना डीजल, होंडा जैज, होंडा डब्ल्यूआर-वी, टाटा अल्ट्रोज डीजल, रेनॉल्ट क्विड 800, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा पेट्रोल, महिंद्रा मराज़ो, महिंद्रा  Alturas G4, महिंद्रा KUV100, स्कोडा ऑक्टेविया, स्कोडा सुपर्ब और निसान किक्स शामिल है.

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