Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

कूनो नेशनल पार्क के चीतों ने दे दी 'गुड न्यूज', मादा चीता हुई प्रेगनेंट!

Kuno National Park में बीते महीने नामीबिया से चीते आए थे. ऐसा बताया जा रहा है कि 8 चीतों में एक मादा चीता प्रेग्नेंट है.

कूनो नेशनल पार्क के चीतों ने दे दी 'गुड न्यूज', मादा चीता हुई प्रेगनेंट!

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: नामीबिया से 8 चीतों की खेप को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था. ऐसा बताया जा रहा है कि मादा चीता आशा प्रेग्नेंट है. मध्यप्रदेश के कुनो में चीता परियोजना की बारीकी से निगरानी कर रहे अधिकारियों का कहना है कि नामीबिया से आई आशा प्रेग्नेंट हो सकती है. अधिकारियों का कहना है कि आशा प्रेग्नेंसी के सभी लक्षण नजर आ रहे हैं. एक अधिकारी ने कहा, "हम उत्साहित हैं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर के अंत तक इंतजार करना होगा." 

बता दें नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में 3 मादा शामिल हैं, जिनकी उम्र 2 साल से 5 साल के बीच बताई गई है. यदि मादा चीता आशा प्रेग्नेंट होती है तो भारत जैव-विविधता के लिए खुशी की बात है. क्योंकि 70 सालों से चीतों की आबादी में काफी ज्यादा कमी भारत में देखने को मिली है. मगर अब संभव हो पाएगा कि चीतों की आबादी भारत में भी बढ़ जाएगी.

ये भी पढ़ें - Parle G के साथ गिलहरी उड़ा रही थी मौज, वीडियो देख आप भी कहेंगे - कितनी क्यूट है!

कितनी है चीतों की उम्र?

नामीबिया से विशेष विमान से लाए गए इन चीतों में रेडियो कॉलर लगाए गए हैं जिनकी मदद से इन्हें ट्रैक किया जा सकेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने इनमें से तीन चीतों को कूनो नेशनल पार्क के विशेष बाड़ों में छोड़ा. इनमें दो नर चीतों की उम्र साढ़े पांच साल है और दोनों भाई-भाई हैं. कुल पांच मादा चीते हैं जिनमें से एक की उम्र दो साल, एक की ढाई साल, एक की तीन से चार साल और दो की उम्र पांच-पांच साल है.

ये भी पढ़ें - बंदर के झांसे में आ गया टाइगर, कैमरे में कैद हुआ मजेदार वीडियो

चीतों के सामने है ये चुनौती

चीतों के बच्चे बड़ी मुश्किल से जिंदा रह पाते हैं. यही वजह है कि कई देशों में अब चीते बचे ही नहीं हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीतों के 95 प्रतिशत बच्चे वयस्क नहीं हो पाते हैं. इनके बचने की उम्मीद 36 फीसदी ही होती है. दरअसल, शेर, लकड़बग्घे, बबून और तमाम शिकारी जानवर चीतों के लिए काल की तरह होती हैं. इसके अलावा, संरक्षित क्षेत्र न होने की वजह से इंसानी दखल और शिकार भी इनके अस्तित्व पर खतरा पैदा करता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement