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Russia Mutiny: 'पुतिन का शेफ' जिसकी आर्मी ने कर दी है रूस के खिलाफ बगावत, जानिए कौन हैं येवेगनी प्रिगोझिन

Who is Yevgeny Prigozhin: यूक्रेन युद्ध में अपने किराये के लड़ाकों से तबाही मचा रहे येवेगनी प्रिगोझिन ने अब रूस के ही खिलाफ बगावत कर दी है.

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Russia Mutiny: 'पुतिन का शेफ' जिसकी आर्मी ने कर दी है रूस के खिलाफ बगावत, जानिए कौन हैं येवेगनी प्रिगोझिन

Yevgeny Prigozhin की प्राइवेट आर्मी ने ही रूस में बगावत कर दी है.

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डीएनए हिंदी: Russia Armed Rebellion- रूस के खिलाफ वैगनर पीएमसी ग्रुप के लड़ाकों के बगावत शुरू कर दी है. इस घटना ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है. पिछले डेढ़ साल से इन्हीं लड़ाकों की मदद से यूक्रेन के खिलाफ तबाही मचा रहे रूस के दक्षिणी हिस्से में अब वैसा ही माहौल बनता दिख रहा है. इस पूरी बगावत के बाद दुनिया के राजनयिकों से लेकर वॉर एक्सपर्ट तक की जुबां पर एक ही नाम है. ये नाम वैगनर पीएमसी ग्रुप के चीफ येवेगनी प्रिगोझिन (Wagner mercenary chief Yevgeny Prigozhin) का, जिसने बगावत का ऐलान कर अपने लड़ाकों को रूस में उतार दिया है. प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) के सबसे खास आदमियों में से एक माना जाता है. एक समय 'पुतिन का शेफ' रहे प्रिगोझिन को आज की तारीख में दुनिया के सबसे ज्यादा शक्तिशाली में गिना जाता है. 

पढ़ें- Russia Mutiny: यूक्रेन में पुतिन का अहम हथियार अब बना 'भस्मासुर', जानिए कौन है वेगनर ग्रुप, जिसने रूस के खिलाफ की बगावत

18 साल की उम्र में पहली बार गए जेल

प्रिगोझिन व्लादीमीर पुतिन की होम सिटी सेंट पीटर्सबर्ग के रहने वाले हैं. प्रिगोझिन को साल 1979 में पहली बार 18 साल की उम्र में सजा हुई थी. उन्हें ढाई साल कैद की निलंबित सजा मिली थी. दो साल बाद उन्हें डकैती के मामले में 13 साल की सजा हुई. इस मामले में प्रिगोझिन 9 साल तक जेल में रहे. रिहाई के बाद प्रिगोझिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में स्नैक्स बेचने के स्टॉल्स की चेन शुरू की. इस बिजनेस में उन्हें बेहद लाभ हुआ और 90 के दशक में उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में महंगे रेस्टोरेंट खोल लिए. यहां से उनकी रूस के प्रभावशाली लोगों से पहचान बढ़नी शुरू हुई. 

पढ़ें- Russia Mutiny: जानिए उस हमले के बारे में, जिसके बाद रूस के खिलाफ हो गई बगावत

बोट रेस्टोरेंट ने कराई पुतिन से मुलाकात

प्रिगोझिन का नेवा नदी में चलने वाला बोट रेस्टोरेंट न्यू आईलैंड व्लादीमीर पुतिन को बेहद पसंद था. रूस का राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन उस रेस्टोरेंट में अपने विदेशी मेहमानों को लाने लगे. यहीं पुतिन और प्रिगोझिन की मुलाकात हुई. प्रिगोझिन ने खुद कहा था कि पुतिन के जापानी प्रधानमंत्री योशिरो मोरी के साथ आने पर मेरी उनसे मुलाकात हुई थी, जो अप्रैल 2000 में रूस आए थे. पुतिन प्रिगोझिन पर इतना यकीन करते थे कि साल 2003 में अपना जन्मदिन भी न्यू आईलैंड बोट रेस्टोरेंट पर ही मनाया था.

पढ़ें- Putin On Russia Mutiny: 'धोखा दिया, पीठ में छुरा घोंपा, भाई से भाई को लड़वाया' बगावत पर बोले पुतिन, चेहरे पर दिखी चिंता

पुतिन ने दी क्रेमलिन में एंट्री, नाम मिला 'पुतिन का शेफ'

पुतिन ने प्रिगोझिन की केटरिंग कंपनी कॉन्कॉर्ड को रूस की सत्ता के केंद्र क्रेमलिन में फूड सप्लाई का कांट्रेक्ट दिया. इसके बाद प्रिगोझिन को 'पुतिन का शेफ' निकनेम मिला. पुतिन के मौजूद होने पर प्रिगोझिन खुद ही उन्हें खाना सर्व करता था. पुतिन से करीबियों की बदौलत प्रिगोझिन की कंपनी ने सेना और सरकारी स्कूलों के भी कांट्रेक्ट हासिल किए.

पुतिन की शह पर ही वैगनर ग्रुप की कमान संभाली

पुतिन की शह पर ही प्रिगोझिन ने वैगनर ग्रुप की कमान संभाली. किराये के लड़ाकों की यह प्राइवेट मिलिट्री कंपनी ही बगावत करके अब पुतिन के सिर का दर्द बन गई है. इस प्राइवेट मिलिट्री के पीछे प्रिगोझिन के होने की जानकारी पहली बार साल 2014 में यूक्रेन में रूस की घुसपैठ के बाद मिली थी, जब वैगनर ग्रुप के लड़ाकों ने पूर्वी डोनबास इलाके में यूक्रेनी सेना पर हमला किया था. यहीं से प्रिगोझिन के महज एक सामान्य बिजनेसमैन नहीं होने की जानकारी दुनिया को मिली थी. इसके बाद सीरिया, यमन से लेकर अफ्रीकी देशों तक वैगनर ग्रुप एक्टिव दिखाई दिया है. अमेरिका की तरफ से इस समूह को अपराधी समूह भी घोषित किया जा चुका है.

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