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Nepal: राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ने दिया त्यागपत्र, नेपाली केरेंसी पर छपे विवादित मैप को बताया था गलत

पिछले दिनों नेपाली कैबिनेट की बैठक में सौ रुपये के नए नोट छापते समय पुराने नक्शे की जगह पर नया नोट छापने का निर्णय लिया था. इनमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे भारतीय इलाके भी शामिल हैं.

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Nepal: राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ने दिया त्यागपत्र, नेपाली केरेंसी पर छपे विवादित मैप को बताया था गलत

China and Nepal 

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हाल ही में नेपाली 100 रुपये के नोटों पर भारतीय मैप (Indian Map) को गलत तरीके दर्शाया गया था. इसमें भारत के कुछ इलाकों को नेपाल में दिखाया गया था. नेपाल (Nepal) सरकार के इस कृत्य की भारत (India) में इसकी खूब आलोचना हुई थी. इस मामले को लेकर मौजूदा अपडेट ये है कि नेपाल सरकार के इस करामात को लेकर जिस शख्स ने आलोचना की थी, उसे इस्तिफा देना पड़ा है. दरअसल, इसको लेकर नेपाल के राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार चिरंजीवी नेपाल ने अपना त्यागपत्र दे दिया है.

नेपाली राष्ट्रपति ने मंजूर किया इस्तिफा
नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने चिरंजीवी का इस्तिफा मंजूर कर लिया है. चिरंजीवी ने नेपाली नोटों पर विवादित मैप छापने के बाद एक बयान जारी किया था. नेपाल के इस कदम को लेकर भारत सरकार ने कड़ा विरोध जताया था. चिरंजीवी नेपाल वहां के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर हैं. उन्होंने कथित तौर पर नोटों पर नया नक्शा छापने को लेकर सरकार के निर्णय को अनुचित ठहराया था. पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में सौ रुपये के नए नोट छापते समय पुराने नक्शे की जगह पर नया नोट छापने का निर्णय लिया था. इनमें भारतीय इलाकों में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं.


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इन वजहों से दिया इस्तिफा
इस मुद्दे को लेकर नेपाल की सबसे पड़ी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने चिरंजीवी नेपाल को उनके बयान को लेकर जमकर आलोचना की थी. इसको लेकर चिरंजीवी नेपाल ने कहा है कि 'मैंने माननीय राष्ट्रपति की गरिमा कायम रखने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दिया है, क्योंकि मेरी टिप्पणी को लेकर राष्ट्रपति को गैरजरूरी तौर पर विवाद में खींचने के प्रयास किे गए थे.' इससे पहले नेताओं के एक समूह ने संशोधित संविधान के मुताबिक नेपाल के मैप के साथ सौ रुपये के नए नोट छापने के निर्णय के विरुद्ध चिरंजीवी के बयान को लेकर उन्हें बर्खास्त की मांग की थी. उन्होंने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि इस मामले पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बात करते वक्त वो राष्ट्रीय हित के विरुद्ध गए और मर्यादा का उल्लंघन किया. नेपाल सरकार ने ओली की लीडरशिप वाली सरकार ने मई 2020 में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा जैसी जगहों को नेपाल में शामिल करने वाला मैप जारी किया था.

इन भारतीय इलाकों को नेपाल ने अपने मैप में दिखाया
उस समय भी बाद में संसद ने सभी दलों ने इसका समर्थन किया था. हालांकि इसके बाद भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बावजूद इसके सभी आधिकारिक दस्तावेजों में उपयोग किए गए पुराने नक्शे को नए नक्शे से बदल दिया है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले हफ्ते नेपाल सरकार की तरफ से जारी नए नोटों के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया था. जयशंकर ने कहा था कि इससे जमीनी हालात बदलने वाले नहीं हैं. फिलहाल, नेपाल भारत के पांच राज्यों के साथ 1,850 किमी से अधिक लंबी सीमा साझा करता है. इनमें सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शमिल है.

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