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Sri Lanka President Election: रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति

Ranil Wickremesinghe Sri Lanka President: श्रीलंका की संसद ने बुधवार को रानिल विक्रमसिंघे को देश का नया राष्ट्रपति चुना है. गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद से वह कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर काम कर रहे थे. 

Sri Lanka President Election: रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति

रानिल विक्रमसिंघे

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डीएनए हिंदी: 48 साल के इतिहास में श्रीलंका की संसद ने आज पहली बार प्रत्यक्ष तौर पर अपना राष्ट्रपति चुना है. बुधवार को 134 मतों के साथ रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का नया राष्ट्रपति चुना गया है. गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद से वह कार्यकारी राष्ट्रपति की भूमिका निभा रहे थे. अब देखना है कि अपनी आजादी के बाद से सबसे बड़े संकट से गुजर रहे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को वह कैसे पटरी पर लाते हैं. 

Ranil Wickremesinghe की जीत तय मानी जा रही थी 
कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) और सत्ताधारी एसएलपीपी (Sri Lanka Podujana Peramuna) के सांसद डलास अलाहाप्पेरुमा (Dallas Alahapperuma) के बीच कांटे के मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी. अलाहाप्पेरुमा को राजपक्षे परिवार के करीबी लोगों में शुमार किया जाता है. विपक्ष के सबसे बड़े नेता सजिथ प्रेमदासा ने मुकाबले से हटने का ऐलान कर दिया था. हालांकि, अलाहाप्पेरुमा के मैदान में आने के बाद समीकरण बदलने की अटकलें थीं लेकिन विक्रमसिंघे ने जीत दर्ज कर ली है. 
 

विक्रमसिंघे इससे पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री के तौर पर भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उन्होंने ऐसे वक्त में देश की कमान संभाली है जब हर ओर संकट का माहौल है. उनके लिए कंगाल हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के साथ नागरिकों के असंतोष को कम करने की भी चुनौती है.

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Who Ranil Wickremesinghe
यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे पेशे से वकील और मंजे हुए राजनेता हैं. वह पिछले 45 साल से संसद में हैं और श्रीलंका की राजनीति के हर बारीक पहलू को अच्छी तरह से समझत हैं. अब तक 4 बार उन्होंने  देश के प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया है. 2022 में एक बार फिर वह आर्थिक संकट के बीच पांचवी बार पीएम बने थे लेकिन कुछ ही महीनों में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

पहली बार विक्रमसिंघे तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की हत्या के बाद 1993 में प्रधानमंत्री बने थे. विक्रमसिंघे की राजनीति के बारे में श्रीलंका में कहा जाता है कि वह दूरदर्शी हैं और तय लक्ष्यों को पूरा करने में सफल रहते हैं.

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