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Russia Ukraine War: पुतिन के नए आदेश के बाद रूस में अब आर्मी की आलोचना करने वालों की खैर नहीं, जानें क्या है ये कानून

Putin New Order For Army Critics: यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष जारी है और रूसी सेना की कई बार वैश्विक स्तर पर आलोचना हो चुकी है. अब पुतिन ने अपने देशासियों के लिए सख्त आदेश जारी किया है.

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Russia Ukraine War: पुतिन के नए आदेश के बाद रूस में अब आर्मी की आलोचना करने वालों की खैर नहीं, जानें क्या है ये कानून

Putin Order For Army Critics

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डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है और खुद कई रूसी नागरिकों ने अपनी ही देश की सेना की कड़ी आलोचना की है. पिछले दिनों में रुस में ऐसे कई लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है जिन्होंने आर्मी की आलोचना की थी. रूसी सरकार ने पहले ही अपनी सेना के अपमान को गैर कानूनी बना दिया था और अब आदेश दिया है कि आलोचना करने वालों की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है. अब इस कानून के दायरे में रूस के ऐसे नागरिक भी आ गए हैं जो दूसरे देशों में रह रहे हैं या शरण ले रखी है. नए कानून के मुताबिक, सेना के बारे में झूठी जानकारी फैलाने के लिए अधिकतम 15 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया है. यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा धक्का लगा है. 

यूक्रेन के साथ युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से रूस पर अमेरिका समेत कई और देशों ने सख्त पाबंदियां लगाई हैं. इसकी वजह से रूस की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. आम रूसी नागरिकों ने पिछले कुछ समय में रूस की सेना की बर्बर कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है. पुतिन सरकार ने देश के भीतर सेना की आलोचना करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का मूड बना लिया है. इसके लिए रूस की संसद ने एक कानून भी पास किया है. 

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सेना की आलोचना करने वालों की संपत्ति होगी जब्त 
रूसी सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस कानून के तहत सेना की आलोचना करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. इसमें 15 साल की जेल से लेकर उनकी संपत्ति और कीमती सामान को कुर्क करने का आदेश दिया है. रूस की मौजूदा सरकार और राष्ट्रपति के आलोचकों को मजबूरी में दूसरे देशों में शरण लेना पड़ा है. इस कानून के दायरे में ऐसे नागरिक भी आएंगे और उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है. इस कानून के बाद अब रूसी नागरिकों के आलोचना कर सकने का आधिकार और भी सीमित हो जाएगा. 

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रूस की सरकार देशवासियों के ही निशाने पर 
रूस की सरकार के यूक्रेन पर हमले की आलोचना खुद देश में हो रही है. सेंट पीट्सबर्ग और मॉस्को जैसे शहरों में प्रदर्शनकारियों ने जुलूस भी निकाला था. हालांकि, रूस में आलोचकों को बहुत सख्ती से दबाया गया है. इस वक्त लंबे युद्ध की वजह से रूस में महंगाई काफी बढ़ गई है और बेरोजगारी भी चरम पर है. इसके अलावा, कई तरह के आर्थिक प्रतिबंधों ने रूस की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है. इन वजहों से रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खासी आलोचना हो रही है. 

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