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'भारत के साथ 3 युद्ध से सिर्फ गरीबी और बेरोजगारी ही आई', कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्तान के बदले सुर

India Pakistan Relations: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमें अपने पैसे को बम और गोला-बारूद के बजाए रोजगार पर खर्च करना चाहिए.  

'भारत के साथ 3 युद्ध से सिर्फ गरीबी और बेरोजगारी ही आई', कंगाली के कगार पर पहुंचे पाकिस्�तान के बदले सुर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ

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डीएनए हिंदीः पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) के हाल बदहाल हो चुके हैं और देश का विदेशी मुद्रा भंडार अन्य देशों से लिए भारी-भरकम कर्ज के बावजूद कम होता जा रहा है. पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान ने विदेशों से 5 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज लिया है. पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुका है. अपनी बदहाल हालत के देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के सुर भी बदल गए हैं.  

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न्यूज चैनल अल अरबिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ‘भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि आइए हम टेबल पर बैठें और कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए गंभीर और ईमानदार बातचीत करें.’ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और उन्हें एक दूसरे के साथ रहना है. पीएम शरबाज शरीफ ने कहा कि ‘यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या आपस में झगड़ें और समय और संसाधनों को बर्बाद करें. भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं और ये लोगों के लिए और अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी ही लाए हैं. हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति से रहना चाहते हैं बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल करने में सक्षम हों. गोला-बारूद, यही संदेश मैं प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं.

‘संसाधनों को बर्बाद करना नहीं चाहते’
शरबाज शरीफ ने कहा कि ‘हम गरीबी को कम करना चाहते हैं, समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं और अपने लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार प्रदान करना चाहते हैं और बम और गोला-बारूद पर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं, यही संदेश मैं प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं.’ उन्होंने टिप्पणी की, "हम परमाणु शक्तियां हैं,  और अगर भगवान न करे कि युद्ध छिड़ जाए तो यह बताने के लिए कौन बचेगा कि क्या हुआ था.’

इनपुट - एजेंसी

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