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Srilanka Crisis: 9 Photos में देखिए श्रीलंका में बागी जनता का बवाल, सड़कों पर उतरे, राष्ट्रपति भवन कब्जाया

श्रीलंका में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास में घुस गए हैं. गोटाबाया राजपक्षे जान बचाकर भाग गए हैं.

श्रीलंका (Srilanka economic Crisis) में सैकड़ों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया है. प्रदर्शनकारी बेहद गुस्से में हैं. सरकार के खिलाफ बढ़ते आक्रोश के बीच शनिवार को प्रदर्शनकारी मध्य कोलंबो के अति सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में बैरिकेडिंग को हटाकर राष्ट्रपति भवन में ही घुस गए हैं. 
 

1.राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा

राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
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प्रदर्शनकारी देश में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. अप्रैल में प्रदर्शनकारियों ने उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से ही वे प्रेसिडेंट हाउस को ही आवास और कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.
 



2.राष्ट्रपति आवास छोड़कर भागे राजपक्षे

राष्ट्रपति आवास छोड़कर भागे राजपक्षे
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राष्ट्रपति आवास में काम करने वाले लोगों ने बताया कि शनिवार को प्रदर्शन की घोषणा के कारण राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को ही आवास खाली कर दिया था. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं तथा गोलियां चलाईं, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी अवरोधकों को हटाकर राष्ट्रपति आवास में घुस गए.
 



3.प्रधानमंत्री ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

प्रधानमंत्री ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
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प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जनता के प्रदर्शन से देश में पैदा हुए संकट पर चर्चा करने के लिए शनिवार को राजनीतिक दल के नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. विक्रमसिंघे के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने पार्टी की तत्काल बैठक बुलाई है और स्पीकर से तत्काल संसद का सत्र बुलाने का अनुरोध किया है. 



4.राष्ट्रपति भवन के दीवारों पर चढ़े प्रदर्शनकारी

राष्ट्रपति भवन के दीवारों पर चढ़े प्रदर्शनकारी
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प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास की दीवारों पर चढ़ गए हैं और अंदर भी घुस गए हैं. हालांकि, उन्होंने किसी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही किसी तरह की हिंसा की है. 
 



5.सरकारी अधिकारियों से भी भिड़े प्रदर्शनकारी

सरकारी अधिकारियों से भी भिड़े प्रदर्शनकारी
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सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 30 लोग घायल हो गए और उन्हें कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. प्रदर्शनकारियों की गाले, कैंडी और मतारा शहरों में रेलवे प्राधिकारियों से भी झड़प हुई और उन्होंने प्राधिकारियों को कोलंबो के लिए ट्रेन चलाने पर विवश कर दिया. इलाके में पुलिस, विशेष कार्य बल और सेना की बड़ी टुकड़ियों को तैनात किया गया है. 
 



6.गोटाबाया दें इस्तीफा तभी खत्म होगा प्रदर्शन

गोटाबाया दें इस्तीफा तभी खत्म होगा प्रदर्शन
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'होल कंट्री टू कोलंबो' आंदोलन के आयोजकों ने कहा कि लोग कोलंबो फोर्ट में प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होने के लिए उपनगरों से पैदल निकल रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा नहीं दे देते हैं. 
 



7.सरकार पर बढ़ रहा कर्फ्यू हटाने का दबाव

सरकार पर बढ़ रहा कर्फ्यू हटाने का दबाव
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श्रीलंका पुलिस ने शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद शनिवार को सात संभागों से कर्फ्यू हटा लिया. पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात 9 बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था. 
 



8.मानवाधिकारों का हनन कर रही है सरकार

मानवाधिकारों का हनन कर रही है सरकार
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श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया था. बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
 



9.गंभीर आर्थिक समस्या से जूझ रहा है श्रीलंका

गंभीर आर्थिक समस्या से जूझ रहा है श्रीलंका
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श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने कर्फ्यू को मानवाधिकारों का घोर हनन बताया है. गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. 
 



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