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तालिबान में लड़कियों की पढ़ाई पर ग्रहण, पास होकर भी निराश, वजह क्या है

अफगानिस्तान में छठवीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियां पास होकर भी बेहद दुखी हैं. सरकार अब उन्हें आगे की पढ़ाई नहीं करने देगी.

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तालिबान में लड़कियों की पढ़ाई पर ग्रहण, पास होकर भी निराश, वजह क्या है

तालिबान में स्कूल जाने के लिए तरस लड़कियां. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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डीएनए हिंदी: तालिबान में लड़कियों के लिए तालिबानी सरकार मुसीबत पैदा कर रही है. उन्हें पास होने से डर लग रहा है, क्योंकि पता है कि अब उनकी पढ़ाई रोक दी जाएगी. उन्हें आगे पढ़ने-लिखने का मौका नहीं दिया जाएगा. साल भर पढ़ाई करने के बाद किसी क्लास में आमतौर पर पास होने से स्टूडेंट खुश होते हैं पर तालिबान में ऐसा नहीं है. अफगानिस्तानी लड़कियों के लिए पास होना बड़ी मुसीबत है.

तालिबान के दमनकारी शासन में रह रही छात्राएं छठी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे नहीं पढ़ सकतीं. अफगानिस्तान की बहारा रुस्तम  काबुल स्थित बीबी रजिया स्कूल में 11 दिसंबर को आखिरी बार स्कूल गई. उसे पता है कि उसे अब आगे पढ़ने का अवसर नहीं दिया जाएगा. तालिबान के शासन में वह फिर से कक्षा में कदम नहीं रख पाएगी. उसकी उम्र महज 13 साल है.
 
'पास होकर भी लड़कियां हैं बेहद निराश'
बहारा रुस्तम ने कहा, 'छठी क्लास पास होने का मतलब है हम सातवीं कक्षा में पढ़ेंगे लेकिन मेरे साथ पढ़ने वाली लड़कियां रोईं और हम बहुत निराश थे. हमें पता है कि अब हमें पढ़ने नहीं दिया जाएगा.'

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'मैं टीचर बनना चाहती थी लेकिन...'
काबुल में रहने वाली 13 वर्षीय सेतायेश साहिबजादा अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और अपने सपनों को साकार करने के लिए स्कूल नहीं जा पाने की वजह से उदास है. साहिबजादा ने कहा, 'मैं अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती. मैं टीचर बनना चाहती थी लेकिन अब मैं पढ़ नहीं सकती, स्कूल नहीं जा सकती.'

तालिबान में छूटी महिलाओं की पढ़ाई और नौकरी
मुहम्मद सलीम पैगीर ने चेतावनी दी कि महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना अफगानिस्तान के लिए विनाशकारी होगा. उन्होंने कहा कि अशिक्षित लोग कभी भी स्वतंत्र और समृद्ध नहीं हो सकते. तालिबान ने महिलाओं को कई सार्वजनिक स्थानों और अधिकतर नौकरियों से प्रतिबंधित कर दिया है और उन्हें उनके घरों तक ही सीमित कर दिया गया है.  

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सयुक्त राष्ट्र की भी बात नहीं मान रहे तालिबानी
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत रोजा ओटुनबायेवा ने पिछले हफ्ते चिंता जाहिर की थी कि अफगान लड़कियों की एक पीढ़ी हर रोज पिछड़ती जा रही है. अफगान शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सभी उम्र की अफगान लड़कियों को मदरसों में पढ़ने की इजाजत होगी. इन मदरसों में परंपरागत रूप से केवल लड़के ही पढ़ते हैं. ओटुनबायेवा ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इन मदरसों में आधुनिक विषयों को पढ़ाया जाएगा या नहीं. 

अमेरिका ने वापस बुलाई सेना, फिर बर्बाद हो गया अफगानिस्तान
दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका और नाटो के सितंबर 2021 में अफगानिस्तान से लौटने के एक महीने पश्चात तालिबान ने घोषणा की कि लड़कियों के छठी कक्षा से आगे पढ़ने पर प्रतिबंध होगा. महिलाओं के लिए दमनकारी तालिबानी कदमों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई और तालिबान को चेतावनी दी गई है कि इस प्रकार के प्रतिबंधों के कारण उसके लिए देश के वैध शासक के रूप में वैश्विक मान्यता प्राप्त करना लगभग असंभव हो जाएगा. इसके बावजूद तालिबान महिलाओं पर लगातार प्रतिबंध लगा रहा है. (इनपुट: AP)

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