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अमेरिका की धमकी के 1 घंटे बाद उत्तर कोरिया ने दागी मिसाइल, अंजाम भुगतने की दी चेतावनी

उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय इलाके वोनसान से गुरुवार सुबह 10.48 बजे बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई, जो कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच गिरी.

अमेरिका की धमकी के 1 घंटे बाद उत्तर कोरिया ने दागी मिसाइल, अंजाम भुगतने की दी चेतावनी

उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल का किया परीक्षण

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डीएनए हिंदी: उत्तर कोरिया (North Korea) एक बार फिर गुरुवार को पूर्वी सागर में कम दूरी की एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल ऐसे समय दागी है जब करीब एक घंटे पहले अमेरिका ने अपने सहयोगियों दक्षिण कोरिया और जापान की सुरक्षा को लेकर दृढ़ प्रतिबद्धता जताने के जवाब में कड़ी सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी. उत्तर कोरिया ने साथ यह भी चेतावनी दी है कि उस पर कोई कार्रवाई करने की कोशिश की तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक, उत्तर कोरिया के पूर्वी तटीय इलाके वोनसान से गुरुवार सुबह 10.48 बजे बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई, जो कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच गिरी. दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑ‍फ स्टाफ ने कहा कि उत्तर कोरियाई मिसाइल अधिकतम 47 किलोमीटर की ऊंचाई पर 240 किलोमीटर की दूरी तक उड़ी. उन्होंने इस मिसाइल प्रक्षेपण को कोरियाई प्रायद्वीप की शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और गंभीर उकसावे वाली कार्रवाई करार दिया. मिसाइल प्रक्षेपण का पता लगते ही दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान की सेनाओं ने इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता के समक्ष खतरा पैदा करता है.

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बाइडन के बयान के बाद उत्तर कोरिया ने दी थी चेतावनी
उत्तर कोरिया ने पिछले 8 दिनों में पहला बैलिस्टक मिसाइल प्रक्षेपण किया है. इससे पहले उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने चेताया था कि प्योंगयांग के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का हालिया शिखर सम्मेलन कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त तनाव को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा देगा. चो सोन ह्यू का बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के उनके दक्षिण कोरियाई और जापानी समकक्ष के साथ हाल ही में किए गए त्रिपक्षीय सम्मेलन पर उत्तर कोरिया का पहला आधिकारिक बयान था. सम्मेलन के बाद तीनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों की कड़ी निंदा की थी और प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की सहमति जताई थी.

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने परमाणु हथियारों सहित अन्य सभी सैन्य उपायों के जरिए दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया था. चो ने कहा, “अमेरिका अपने सहयोगियों को जितनी ज्यादा मदद की पेशकश करेगा और वे कोरियाई प्रायद्वीप में जितनी अधिक उकसावे वाली सैन्य गतिविधियां संचालित करेंगे, उत्तर कोरिया की जवाबी कार्रवाई उतनी ही कड़ी होगी. उन्होंने चेताया कि यह अमेरिका और उसके इशारे पर चलने वाली ताकतों के लिए अधिक गंभीर, Realistic और अपरिहार्य खतरा पैदा करेगा.”

(PTI इनपुट के साथ)

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