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Russia Ukraine War: छात्र की मौत के बाद भारत ने की Safe Passage की मांग, अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं 4000 नागरिक

पोलैंड के Shehyni-Medyka बॉर्डर पर लगातार बढ़ती भीड़ के बाद भारतीय एंबेसी ने छात्रों को वैकल्पिक रास्ता अपनाने की एडवायजरी जारी की है.

Russia Ukraine War: छात्र की मौत के बाद भारत ने की Safe Passage की मांग, अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं 4000 नागरिक

Russia Ukraine War: India demands safe passage after student's death, 4000 citizens are still in Ukraine

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डीएनए हिंदीः यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए भारत सरकार का ऑपरेशन गंगा (operation ganga) अभियान लगातार तेज हो रहा है. हालांकि मंगलवार को एक भारतीय छात्र की मौत के बाद से यूक्रेन में फंसे अन्य छात्रों में भय का माहौल है. मोदी सरकार ने यूक्रेन से इन छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए सुरक्षित रास्ता (Safe Passage) देने की मांग की है. दूसरी तरफ पोलैंड के Shehyni-Medyka बॉर्डर पर लगातार बढ़ती भीड़ के बाद भारतीय एंबेसी ने छात्रों को वैकल्पिक रास्ता अपनाने की एडवायजरी जारी की है.

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मंगलवार को जिस भारतीय छात्र की मौत हुई है वो खारकीव में था. खारकीव यूक्रेन के ईस्टर्न जोन का हिस्सा है. ये वही हिस्सा है जो कि रूस के बॉर्डर के बेहद करीब है. ऐसे में ईस्ट यूक्रेन से निकलकर वेस्ट में जाना ही सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि हमारे सभी नागरिक कीव छोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि  हमारे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक कीव में हमारे और नागरिक नहीं हैं, वहां से हमें किसी ने संपर्क नहीं किया है. हर्षवर्धन श्रृंगला के मुताबिक यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय फंसे थे. रूस के साथ तनाव के बाद से अब तक 12 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं. बाकी लोगों में से आधे खारकीव में फंसे हैं और बाकी जहां अभी शांति हैं, ऐसे इलाकों में हैं.  

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इन मंत्रियों ने संभाला मोर्चा
ऑपरेशन गंगा के तहत सभी छात्रों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार के चार मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा (Moldova) पहुंचे हैं. वहां उन्होंने छात्रों से बातचीत की. वहीं केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने पोलैंड पहुंच छात्रों को सकुशल जल्द वापसी का आश्वासन दिया. वहीं किरेन रिजिजू स्लोवाकिया (Slovakia) और हरदीप सिंह पुरी भी  हंगरी (Hungary) पहुंच चुके हैं.  

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