Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

US Midterm Elections: अमेरिका में क्यों हो रहे हैं मध्यावधि चुनाव? जानिए नतीजों से कितना प्रभावित होगी बाइडन सरकार

US Midterm Election Results: अमेरिका में हो रहे मध्यावधि चुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं क्योंकि इनका असर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ने वाला है.

Latest News
US Midterm Elections: अमेरिका में क्यों हो रहे हैं मध्यावधि चुनाव? जानिए नतीजों से कितना प्रभावित होगी बाइडन सरकार

बेहद अहम हैं अमेरिका के मध्यावधि चुनाव

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: अमेरिका में मध्यावधि चुनावों (US Midterm Elections) के लिए वोटिंग पूरी हो चुकी है. इन चुनावों को अमेरिका की दोनों पार्टियों यानी रिपब्लिकन (Republican Party) और डेमोक्रैट के लिए काफी अहम माना जा रहा है. आंकड़ों का गणित समझें तो इस चुनाव के नतीजे 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (US President Elections) पर भी असर डाल सकते हैं. यही वजह है कि इन चुनावों में पूर्व राष्ट्रपतियों डोनाल्ड ट्रंप और बराक ओबामा ने भी खूब ताकत झोंकी. वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की सत्ता के लिए भी ये चुनाव काफी अहम बताए जा रहे हैं.

अमेरिका के ये मध्यावधि चुनाव भारत की तरह नहीं हैं. भारत में मध्यावधि चुनाव का मतलब होता है कि मौजूदा सरकार किसी कारण से गिर गई हो या वह इस्तीफा दे दे. जब किसी भी तरह से सरकार गठन संभव न हो तो राज्यपाल नए चुनावों की संस्तुति कर देते हैं. अमेरिका में अभी हो रहे मध्यावधि चुनाव, भारत के राज्यसभा चुनावों की तरह हर दो साल के अंतर पर होते हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव चार साल के लिए होता है और ये चुनाव राष्ट्रपति के कार्यकाल के बीच में आते हैं इसीलिए इन्हें मध्यावधि चुनाव कहा जाता है.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में इमरान खान पर हमले के 6 दिन बाद FIR दर्ज, इसमें भी पुलिसिया खेल

अमेरिका में कैसी है संसद की व्यवस्था?
भारत में सरकार का मुखिया प्रधानमंत्री होता है जबकि अमेरिका में सरकार का मुखिया राष्ट्रपति होता है. भारत में जिसे संसद कहा जाता है अमेरिका में उसे ही कांग्रेस कहा जाता है. अमेरिका में भी कांग्रेस के दो सदन हैं- सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव. अमेरिका में टू पार्टी सिस्टम है यानी यहां सिर्फ़ दो ही पार्टियों के बीच सत्ता की जंग होती है. भारत की जगह हजारों पार्टियां अमेरिका में नहीं हैं. अमेरिका में अभी डेमोक्रैटिक पार्टी की सरकार है और जो बाइडन राष्ट्रपति हैं. इसी पार्टी के नेता बराक ओबामा भी थे. दूसरी पार्टी है रिपब्लिकन पार्टी जिसके नेता डोनाल्ड ट्रंप इसके पहले राष्ट्रपति थे. जॉर्ज बुश भी रिपब्लिकन पार्टी के ही नेता थे.

अमेरिका में कुल 50 राज्य हैं. हर राज्य के पास अपनी कुछ स्वतंत्र शक्तियां होती हैं. अमेरिका की सीनेट में हर राज्य से दो सदस्य चुने जाते हैं. इस तरह सीनेट में कुल 100 सदस्य होते हैं. ये सीनेटर कुल 6 सालों के लिए चुने जाते हैं. दूसरी तरफ, जो रिप्रेजेंटेटिव होते हैं वे दो साल के लिए चुने जाते हैं और छोटे जिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं. राज्यों के गवर्नर और अन्य प्रतिनिधियों के लिए अलग से चुनाव होते हैं.

यह भी पढ़ें- G20 लोगो अनावरण में पीएम मोदी ने क्यों याद दिलाए भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी

किन सीटों पर हो रहे हैं चुनाव?
अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में कुल 435 सीटों पर हैं. इन सभी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इसके अलावा, सीनेट की 35 सीटों पर भी चुनाव हो रहे हैं क्योंकि हर दूसरे साल 100 में से एक तिहाई सीटों पर चुनाव होते हैं. साथ ही, 36 राज्यों के गवर्नर भी चुने जाने हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बहुमत के लिए 218 सीटों की ज़रूरत है. मौजूदा समय में सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव दोनों में ही जो बाइडन की डेमोक्रैटिक पार्टी बहुमत में है.

2024 के चुनाव पर क्या होगा असर?
रिपोर्ट के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी को लगभग दो सौ सीटों पर जीत मिल सकती है. वहीं, डेमोक्रैटिक पार्टी को 175 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. चुनाव में जीत-हार से जो बाइडन की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. हालांकि, पिछले दो सालों में बहुमत की वजह से जो बाइडन को कानूनों को पास कराने में कोई अड़चन नहीं आई. आने वाले समय में अगर डेमोक्रैटिक पार्टी पिछड़ती है तो जो बाइडन को अपने कानूनों को पास कराने में समस्या आती है.

यह भी पढ़ें- एस जयशंकर का बड़ा बयान, 'रूसी कच्चा तेल है भारत के लिए आर्थिक फायदा'

मध्यावधि चुनावों को हमेशा से राष्ट्रपति और उसकी सरकार की परफॉर्मेंस के तौर पर देखा जाता है. अगर सत्ताधारी पार्टी मध्यावधि चुनावों में पिछड़ती है तो माना जाता है कि मौजूदा राष्ट्रपति की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है. ऐसे में जो बाइडन के लिए ये चुनाव नाक का सवाल बन गए हैं. वहीं, रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिलते ही वह 6 जनवरी 2021 को हुई हिंसक घटनाओं की जांच को बंद करवा सकती है जिसमें खुद डोनाल्ड ट्रंप भी फंसे हैं.

इसके अलावा, यह भी माना जा रहा है कि इन चुनावों में अगर डोनाल्ड ट्रंप समर्थित उम्मीदवार जीतते हैं तो डोनाल्ड ट्रंप 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में खुद भी उतर सकते हैं. वहीं, अगर वह ज्यादा दम नहीं दिखा पाए तो उनकी रिपब्लिकन पार्टी उन पर दांव नहीं खेलेगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement