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Uttarakhand Election 2022: राहुल से मुलाकात में CM फेस पर नहीं बनी बात, क्या करेंगे अब Harish Rawat?

उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को दिल्ली में कांग्रेस हाई कमान से मुलाकात का कुछ खास फायदा नहीं मिला है. उन्हें सीएम फेस घोषित नहीं किया है.

Uttarakhand Election 2022: राहुल से मुलाकात में CM फेस पर नहीं बनी बात, क्या करेंगे अब Harish Rawat?

Harish Rawat

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डीएनए हिंदी: Uttarakhand Election 2022 से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत बगावती तेवर अपनाए हुए हैं. पार्टी का सीएम फेस बनने की जिस उम्मीद से वह दिल्ली दरबार में हाजिर हुए थे, वह राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पूरी होती नहीं दिख रही. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कह दिया है कि रावत चुनाव कैंपेन के नेता होंगे लेकिन सीएम फेस पर अभी फैसला नहीं हुआ है. 

रावत कैंप को नहीं मिला राहुल से आश्वासन? 
सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से Rahul Gandhi ने अलग-अलग बात की है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो Harish Rawat को सीएम का चेहरा बनाने की मांग पर राहुल गांधी ने नहीं मानी है. उन्होंने कहा कि पार्टी फिलहाल चुनाव पर फोकस करेगी और सीएम फेस घोषित नहीं करने जा रही है. ऐसे में कयास लग रहे हैं कि रावत कैंप क्या इसके बाद पार्टी हाई कमान की बात पर चलेगा या अपने लिए अलग रास्ता बना लेगा. 

पढ़ें: चुनाव की सभी खबरें एक साथ यहां 

अमरिंदर की राह पर चलेंगे रावत? 
सीएम फेस नहीं बनाने के बाद से हरीश रावत को लेकर कयास जारी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो रावत के बगावती ट्वीट सीएम फेस के लिए था. जब उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई है, तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनका असंतोष और बढ़ेगा? हरीश रावत चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा सकते हैं और वह पंजाब में पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह के रास्ते पर चल सकते हैं. अगर रावत की बगावत बढ़ती है और वह कैप्टन की राह पर चलते हैं, तो कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल खड़ी हो जाएगी.   

पढ़ें: अमरिंदर के बाद हरीश रावत के बागी तेवर, कांग्रेस के लिए एक और चुनौती

मीटिंग के बाद बोले रावत, 'कांग्रेस के गीत गाए जा'
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रावत मुस्कुराते हुए निकले. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे और जो भी जिम्मेदारी दी गई है उसे निभाएंगे. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, 'कदम-कदम मिलाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा...' रावत ने अपने भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है. इतना तो तय है कि चुनाव से ठीक पहले पार्टी के अंदर की खेमेबाजी कांग्रेस को राज्य में नुकसान जरूर पहुंचा सकती है. 

 

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