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UP Election 2022: Jayant Chaudhary के मतदान नहीं करने पर BJP ने उठाए सवाल

Jayant Chaudhary मथुरा के वोटर हैं. उनकी पत्नी चारू चौधरी ने मथुरा जाकर मतदान किया लेकिन जयंत चौधरी ने बिजनौर की रैली की वजह से वोट नहीं डाला.

UP Election 2022: Jayant Chaudhary के मतदान नहीं करने पर BJP ने उठाए सवाल

Image Credit- Twitter/jayantrld

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों के लिए मतदान जारी है. चौधरी चरण सिंह के परिवार के सबसे मजबूत गढ़ छपरौली के बासौली में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद भाजपा प्रवक्ता चारु प्रज्ञा ने राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति स्वयं अपना वोट नहीं डाल रहा हो वो दूसरों से वोट कैसे मांग सकता है.

मीडिया कर्मियों से बात करते हुए चारु प्रज्ञा ने कहा कि मतदान एक बहुत बड़ा त्योहार है और सबको अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो स्वयं अपने पैतृक गांव बासौली वोट डालने आई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी (भाजपा) लड़ाई मुख्य तौर पर अखिलेश यादव-जयंत चौधरी गठबंधन से है और जयंत अपना वोट नहीं डाल रहे हैं इससे पता चलता है वो चुनाव को लेकर स्वयं कितना गंभीर है.

छपरौली को राष्ट्रीय लोक दल और चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के परिवार का गढ़ माना जाता है, क्या इस बार भाजपा इसे जीत पाएगी के सवाल का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यहां का बच्चा-बच्चा, हर नौजवान अपने आपको चौधरी चरण सिंह का वशंज मानता है क्योंकि चौधरी साहब ने यहां के लिए बहुत काम किया है. उनकी विरासत हम सबके साथ हैं. उनके सपनों को पूरा करने का काम भाजपा ने किया है इसलिए यहां के लोग हमारे साथ है.

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किसान आंदोलन और जाट समुदाय की नाराजगी का असर चुनावों पर पड़ने के सवाल का जवाब देते हुए चारु प्रज्ञा ने कहा कि किसान और जाट भाजपा के साथ है, राजनीति गणित नहीं है और अगर होता तो 2019 में हमें जीत हासिल नहीं होती.

उन्होंने दावा किया कि इलाके के लोग, युवा,महिला और किसान सब भाजपा के साथ है क्योंकि योगी सरकार ने सुरक्षा दी है, विकास किया है. आज क्षेत्र की महिलाएं, लड़कियां अपने आपको सुरक्षित महसूस करती है और यह समझने के लिए किसी आंकड़े की जरूरत नहीं है. यह जमीनी सच्चाई है और इसलिए लोग भाजपा के साथ है.

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आपको बता दें कि छपरौली विधानसभा हमेशा से ही रालोद का गढ़ रहा है. देश आजाद होने से पहले 1937 में चौधरी चरण सिंह यहां से पहली बार चुनाव जीते और उसके बाद उनका परिवार और छपरौली एक दूसरे का पर्याय बन गया. चौधरी चरण सिंह यहां से 6 बार विधानसभा का चुनाव जीते. उनकी बेटी सरोज और अजित सिंह भी यहां से विधायक बने.

2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही पूरे उत्तर प्रदेश में भाजपा की आंधी चली हो लेकिन उस आंधी में भी छपरौली से रालोद उम्मीदवार को ही जीत हासिल हुई थी. हालांकि 2017 में रालोद के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सहेंद्र सिंह रमाला बाद में भाजपा में शामिल हो गए और इस बार वो भाजपा के ही टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

(Input- IANS)

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