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Akhilesh Yadav के चुनावी कैंपेन में कहां हुई गलती, UP Election Results में क्यों हुई सपा की करारी हार?

अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए धमाकेदार कैंपेन किया था लेकिन उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिली है.

Akhilesh Yadav के चुनावी कैंपेन में कहां हुई गलती, UP Election Results में क्यों हुई सपा की करारी हार?
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डीएनए हिंदी: अपनी भरपूर तैयारियों और व्यवस्थित चुनावी कैंपेन के बावजूद सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) लगातार दूसरी बार (UP Election Results 2022) का चुनाव हार गए. इस हार से सपा समेत उसके सहयोगियों के खेमे में गहरी निराशा है लेकिन ऐसा क्या है जिसके चलते अखिलेश यादव की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. 

कैराना पलायन के जिम्मेदार को दिया टिकट 

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 2016 में कैराना से हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले गैंगस्टर नेता नाहिद हसन को टिकट दिया. नाहिद हसन पर कैराना में रहने वाले हिंदुओं को धमकाने और उनकी संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप था. इसके बावजूद अखिलेश यादव ने नाहिद हसन पर भरोसा बनाए रखा. बीजेपी अपनी सभी सभाओं में कैराना पलायन के मुद्दे पर लगातार सपा पर निशाना साध रही थी.

दंगों को काला इतिहास 

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के शासनकाल में 2013 में भड़का मुजफ्फरनगर का दंगा इस बार भी सपा के लिए भारी साबित हुआ. बीजेपी ने अपने चुनावी कैंपेन में सपा पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को भड़काने और दोषियों को शरण देने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि 2017 में उनकी सरकार आने के बाद यूपी सांप्रदायिक दंगों से मुक्त हो गया.

यादव परिवार में दरार 

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मुलायम सिंह के बीच अनबन की खबरें आ रही थीं. इसे लेकर बीजेपी नेता लगातार अखिलेश यादव पर निशाना साधते रहे. अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव चुनावों के दौरान बीजेपी में शामिल हो गई. इससे भी लोगों का समाजवादी पार्टी से मोहभंग हुआ. 

अहमदाबाद ब्लास्ट पर चुप्पी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आए गुजरात की कोर्ट के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी को घेरा. एक जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'कल 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम विस्फोट मामले में एक अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को मौत की सजा सुनाई. जिनमें से कुछ आतंकवादियों का यूपी से भी संबंध था. उनमें से आजमगढ़ के एक आतंकी का पिता सपा प्रचारक के तौर पर कार्यरत है.' इस मुद्दे पर एसपी ने चुप्पी साध ली, जिसे उसके आतंक परस्त होने के रूप में ग्रहण किया गया. 

आतंकियों से सहानुभूति 

बीजेपी अहमदाबाद ब्लास्ट तक ही नहीं रुकी. उसके सभी नेताओं ने अखिलेश यादव सरकार के दौरान के कार्यकाल को अपने निशाने पर रखा. बीजेपी नेताओं अखिलेश यादव पर अपने कार्यकाल के दौरान कई आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ मामले वापस लेने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर सपा नेता लगातार बचाव की मुद्रा में रहे, जिससे जनता में नेगेटिव मैसेज गया.  

राम मंदिर और हिंदुत्व पर स्टैंड में लगातार बदलाव 

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर और हिंदुत्व पर अपने स्टैंड को लगातार बदलते रहे. जनवरी 2022 में उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण नियमित रूप से उनके सपनों में दिखाई देते हैं. वे सपने में आकर कहते हैं कि इसी साल असेंबली चुनाव के बाद यूपी में सपा की सरकार बनेगी. 

यह कुछ  बड़ी बातें हैं जो कि अखिलेश पार्टी की हार की बड़ी वजहे रही हैं. ऐसे में इन मुद्दों पर सपा को बड़े चिंतन की आवश्यकता है. 

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