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पुणे के एक मॉल ने Myntra को दिया जन्म, Mukesh Bansal ने बताई पूरी कहानी

Myntra आज के समय में लोकप्रिय ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट है. आइए जानते हैं ये कंपनी कैसे शुरू हुई और क्या है इसकी कहानी?

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पुणे के एक मॉल ने Myntra को दिया जन्म, Mukesh Bansal ने बताई पूरी कहानी

Myntra

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डीएनए हिंदी: मुकेश बंसल (Mukesh Bansal) को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Myntra और फिटनेस टेक्नोलॉजी फर्म Cult.fit जैसी अरबों डॉलर की कंपनियों के फाउंडर के रूप में जाना जाता है. Myntra देश में टॉप डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर ब्रांडों में से एक है. लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि यह व्यक्तिगत टी-शर्ट (Personalised T-Shirts)  बेचने वाले ब्रांड के रूप में कैसे शुरू हुआ और बाद में एक फैशन और लाइफस्टाइल कंपनी बन गया.

Myntra की शुरुआत कैसे हुई? 

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर राज शमानी के साथ एक पोडकास्ट में मुकेश बंसल ने सिलिकॉन वैली में शुरू की गई अपनी कंपनी के बारे में बात कि. उन्होंने बताया कि कैसे बंसल ने 2007 में भारत वापस आने और अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़ दी थी. बंसल ने बताया कि, “मैं हर चीज को व्यक्तिगत बनाना चाहता था. इसलिए ऑनलाइन स्पेस के अलावा मैं ऑफलाइन मार्केट में भी विकल्प तलाश रहा था. इसलिए मैं हर बुधवार और गुरुवार को मॉल जाता था.”

एक दिन पुणे के एक खाली मॉल में अकेले घूमते हुए बंसल ने देखा कि, “लगभग सभी दुकानें कपड़े, जूते और सामान की थीं. इन सभी दुकानों में इतना सारा सामान था जो कि बिक नहीं रहे थे. मैंने सोचा यह पैसे की बहुत बड़ी बर्बादी थी क्योंकि खरीदार या तो घर पर बैठे थे या ऑफिस में थे.”

बंसल ने कहा कि उन्होंने सोचा कि अगर ये सभी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध होतीं तो कितना अच्छा होता. इस तरह उन्होंने Myntra को पिवोट किया और एक ऐसी कंपनी बनाई जो कपड़े, जूते, एक्सेसरीज और बहुत कुछ बेचती थी.

Myntra ने कुछ ही सालों में अपने आप को काफी बढ़ा लिया. साल 2014 में वॉलमार्ट (Walmart) के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट (Flipkart) द्वारा अधिग्रहित किया गया और देश के टॉप ऑनलाइन शॉपिंग ब्रांडों में से एक बन गया. FY22 में, इसने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू कमाया.

बंसल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत पहले ही असफलता सीख ली थी. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने 1997-2007 के बीच कई शुरुआती चरण के स्टार्ट-अप में काम किया. "ज्यादातर स्टार्ट-अप काम नहीं करते हैं. मैंने कई बार असफलता देखी. मुझे एहसास हुआ कि अगर आप कुछ शुरू करते हैं, तो यह शायद काम नहीं करेगा.”

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