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Petrol Price: सरकार के इस कदम से 20 रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल, जानिए कैसे

Petrol Price: अगर देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में जीएसटी लागू हो जाए तो राजधानी दिल्ली में ही पेट्रोल 20 रुपये प्रति तक​ सस्ता हो सकता है, जबकि डीजल में भी 13 रुपये प्रति लीटर तक की गिरावट देखने को मिल सकती है.

Petrol Price: सरकार के इस कदम से 20 रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल, जानिए कैसे
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डीएनए हिंदी: जब से देश में जीएसटी (GST) व्यवस्था लागू हुई है, तब से पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol And Diesel Price) को इसके दायरे में लाने की बात काफी बार हो चुकी है. कभी राज्य सरकारों की ओर विरोध होता है तो कभी केंद्र सरकार इस मुद्दे को नजरअंदाज कर देती है. एक बार फिर से यह चर्चा का विषय बना हुआ है. आम लोगों के बीच सुगबुगाहट है कि सरकारें जब इस बात पर चर्चा कर सकती हैं कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर पर कितना जीएसटी लगाया जाए तो फ्यूल के दाम में चर्चा क्यों नहीं की जा सकती? वास्तव में अगर पेट्रोल और डीजल के दाम में जीएसटी (GST on Petrol Diesel Price) लागू हो जाता है तो देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 20 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं. आपको बता दें कि मौजूदा समय में देश के सभी राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाते हैं और यह वैट अलग-अलग होता है, जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम भी देश के सभी राज्यों में अलग होते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश में पेट्रोल और डीजल के दाम पर जीएसटी लागू होता है तो पेट्रोल और डीजल के दाम कितने हो सकते हैं. 

मौजूदा समय में कैसे तय होते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम 
देश की राजधानी दिल्ली को उदाहरण के तौर पर लेते हैं. आईओसीएल की वेबसाइट के अनुसार पेट्रोल प्राइस बिल्डअप के तहत बेस प्राइस 57.13 रुपये प्रति लीटर है. जिसमें 0.20 रुपये प्रति लीटर भाड़ा भी जोड़ा जाता है. दोनों मिलाकर यह दाम 57.33 रुपये हो जाते हैं. उसके बाद डीलर कमीशन 3.78 रुपये, राज्य सरकार का वैट 15.71 रुपये और केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये प्रति लीटर को जोड़ दें तो दिल्ली में पेट्रोल के दाम 96.72 रुपये प्रति लीटर हो जाते हैं, जो मौजूदा समय में है. 

जीएसटी लागू होने पर 20 रुपये सस्ता होगा पेट्रोल 
अब इसे जीएसटी से समझने का प्रयास करते हैं. बेस प्राइस और मालभाड़े को मिलाकर पेट्रोल के दाम 57.33 रुपये होते हैं, अगर इसमें जीएसटी के हाई स्लैब यानी 28 फीसदी को भी जोड़ दिया तो 16.05 रुपये प्रति लीटर जीएसटी बनता है. उसके बाद डीलर कमीशन 3.78 रुपये प्रति लीटर है. अब तीनों को जोड़ दिया जाए तो 77.17 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा, जोकि मौजूदा समय से करीब 20 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा. 

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डीजल के मौजूदा दाम 
देश की राजधानी दिल्ली में डीजल के दाम मौजूदा समय में 89.62 रुपये प्रति लीटर हैं. जिसमें 57.92 रुपये प्रति लीटर बेस प्राइस और 0.22 रुपये प्रति लीटर मालभाड़ा है. जिसके दाम 58.14 रुपये प्रति लीटर हो जाते हैं. केंद्र सरकार इस पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्ससाइज वसूलती है और राज्य सरकार 13.11 वैट वसूलता है और डीलर कमीशन 2.57 रुपये प्रति लीटर होता है. राजधानी दिल्ली में डीजल के दाम कुछ इस तरह से बिल्डअप होते हैं. 

जीएसटी लागू होने पर करीब 13 रुपये सस्ता होगा डीजल 
मान लीजिये डीजल पर जीएसअी लागू होता है तो बेस प्राइस और मालभाड़े को मिलाकर पेट्रोल 58.14 रुपये बनता है, जिस पर 28 फीसदी जीएसटी 16.28 रुपये लागू होगा और डीलर कमीशन 2.57 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा. तीनों को मिला दिया जाए तो डीजल के दाम 76.99 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगे. इसका मतलब है कि डीजल के दाम मौजूदा समय से 12.63 रुपये प्रति लीटर तक ​कम हो जाएंगे. 

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मई में केंद्र सरकार ने टैक्स को किया था कम 
मई के महीने में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को कम करते हुए आम लोगों को राहत दी थी. सरकार ने 8 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पर एक्साइज कम किया था और 6 रुपये प्रति लीटर डीजल पर कम किए थे. जिसके बाद देश के कई राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से नीचे आ गए थे. उसके बाद से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उससे पहले अप्रैल के पहले हफ्ते पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा था. मार्च के महीने में 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा देखने को मिला था. उस दौरान इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए थे. 

राज्य सरकारें क्यों नहीं चाहती फ्यूल जीएसटी के दायरे में आए 
वास्तव में पेट्रोल और डीजल राज्य सरकारों की कमाई प्रमुख सोर्स है. इससे इन्हें काफी कमाई होती है. वित्त विधेयक के दौरान सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल के दाम को जीएसटी के दायरे में लाने से राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से सालाना 2 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू का नुकसान होगा. वहीं साल वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल और डीजल से 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई थी. अब आप समझ सकते हैं कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला मौजूदा टैक्स सरकार की कमाई का कितना बड़ा सोर्स है.

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