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HDFC Bank ने बढ़ाई कर्ज की ब्याज दरें, Loan EMI में होगा और ज्यादा इजाफा 

HDFC Bank ने MCLR के आधार पर अपनी उधार दर में वृद्धि कर दी है. 7 नवंबर, 2022 को, नई ब्याज दरें प्रभावी हो गई हैं. 

HDFC Bank ने बढ़ाई कर्ज की ब्याज दरें, Loan EMI में होगा और ज्यादा इजाफा 

एचडीएफसी बैंक.

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डीएनए हिंदी: प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़ें लेंडर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने फंड की मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर अपने लेंडिंग रेट्स में इजाफा कर दिया है. नई ब्याज दरें 7 नवंबर यानी आज से लागू हो गई हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक की आंतरिक बेंचमार्क दर (RBI) के रूप में MCLR की सीमांत लागत निर्धारित की है. यह विभिन्न प्रकार के लोन के लिए न्यूनतम ब्याज दर निर्धारित करने में मदद करता है. जब इनमें इजाफा किया जाता है तो आम लोगों की ईएमआई में बढ़ोतरी हो जाती है. 

कितना किया इजाफा 
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 7 नवंबर, 2022 से प्रभावी, रातोंरात एमसीएलआर अब पहले के 7.90 फीसदी से 8.20 फीसदी हो गई है. एक महीने के लिए एमसीएलआर 7.90 फीसदी से 8.25 फीसदी हो गई है. तीन महीने और छह महीने की एमसीएलआर क्रमश: 8.30 फीसदी और 8.40 फीसदी कर दी गई है. कई उपभोक्ता लोन से जुड़ा एक साल का एमसीएलआर अब 8.55 फीसदी, दो साल का एमसीएलआर 8.30 फीसदी से 8.65% और तीन साल का एमसीएलआर पहले के 8.40 फीसदी से 8.75 फीसदी कर दिया गया है. 

कई बैंकों ने कर दिया है इजाफा 
नवंबर में आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों ने अपनी उधार दरें बढ़ाईं है. बैंकों की ओर से ऐसे लोन का ऑफर नहीं करते हैं जो एमसीएलआर से कम हों या वे गंभीर नियामक कार्रवाई का जोखिम उठाते हों. हालांकि, आरबीआई की पूर्व मंजूरी के साथ, वे चुनिंदा विषम परिस्थितियों में एमसीएलआर से नीचे उधार दे सकते हैं. उधारकर्ता के लिए प्रत्येक रुपये की व्यवस्था की सीमांत लागत या वृद्धिशील लागत का उपयोग उधार ब्याज दर की गणना के लिए किया जाता है.

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बैंक का एमसीएलआर रेट कैसे पता करें?
आरबीआई द्वारा बैंकों को मासिक आधार पर विभिन्न कार्यकालों के लिए अपनी न्यूनतम लोन रेट्स, या एमसीएलआर का खुलासा करना आवश्यक है. इन टेन्योर में रातोंरात, एक महीना, तीन महीने, छह महीने, एक साल और कोई अन्य टेन्योर शामिल है. आप कई बैंकों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाकर उनकी एमसीएलआर दर देख सकमे हैं. 

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एमसीएलआर कब लागू हुआ?
आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार, "आरबीआई ने 1 अप्रैल, 2016 को ब्याज दरों के निर्धारण के लिए आधार दर प्रणाली को एमसीएलआर प्रणाली से बदल दिया. जबकि उधारकर्ता जिन्हें 01 अप्रैल, 2016 से पहले लोन जारी किया गया था, वे अभी भी पुराने आधार दर और  प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) सिस्टम बेंचमार्क के तहत हैं. अगर उन्हें लगता है कि यह फायदेमंद है, तो वे MCLR रेट में जाने का विकल्प चुन सकते हैं.

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