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7th Pay Commission Update : AICPI में हुई इतनी वृद्धि, अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी बंपर बढ़ोतरी

7th CPC DA/DR : जून 2022 के लिए AICPI-IW 0.2 अंकों की वृद्धि के साथ 129.2 रहा.केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत को वर्तमान दर में 4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अब 38% होने की पुष्टि की गई है. रिपोर्ट के अनुसार इस वृद्धि को कैबिनेट द्वारा सितंबर 2022 के महीने में मंजूरी दी जाएगी.

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7th Pay Commission Update : AICPI में हुई इतनी वृद्धि, अब सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी बंपर बढ़ोतरी

7th Pay Commission

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डीएनए हिंदी: जून 2022 के लिए अखिल भारतीय अखिल भारतीय CPI-IW 0.2 अंक ऊपर 129.2 पर रहा. 1 महीने के प्रतिशत परिवर्तन पर इसमें पिछले महीने की तुलना में 0.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी महीने में 0.91 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आ सकती है. सूत्रों की मानें तो अगले वेतन आयोग (8th Pay Commission) में वेतन वृद्धि का नया फॉर्मूला तैयार हो जाएगा. फिटमेंट फैक्टर के चलते वेतन में बढ़ोतरी के अलावा नए फॉर्मूले पर विचार किया जा सकता है. हाल ही में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को 18 महीने का समय दिया है. डीए (DA) का बकाया देने से इनकार कर दिया है. नई चर्चा से कर्मचारियों को कुछ राहत मिल सकती है. हालांकि 2024 के बाद नया फॉर्मूला लागू होने की संभावना है.

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था. अभी तक 5 साल बीत चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में नए फॉर्मूले के साथ हर साल केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय की जाएगी. हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है. सूत्रों का मानना ​​है कि अब समय आ गया है कि वेतन आयोग के अलावा वेतन बढ़ाने के फार्मूले पर विचार किया जाए. रहने की लागत लगातार बढ़ रही है. ऐसे में हर साल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना एक बेहतर विकल्प होगा.

किस नए फॉर्मूले पर हो रही है चर्चा?

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए एक्रोयड फॉर्मूला (Aykroyd formula) पर विचार किया जा सकता है. इस नए फॉर्मूले की चर्चा लंबे समय से हो रही है. दरअसल वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होता है. इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ते की समीक्षा की जाती है. हालांकि मूल वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. जानकारों के मुताबिक नए फॉर्मूले से कर्मचारियों के वेतन को महंगाई दर, रहने की लागत और कर्मचारी के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा. इन सब बातों का आकलन करने के बाद हर साल वेतन में बढ़ोतरी होगी. यह वैसा ही होगा जैसा निजी क्षेत्र की कंपनियों में होता है.

नया फॉर्मूला क्यों बनाया जा सकता है?

सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को समान लाभ मिले. अभी ग्रेड-पे (Grade Pay) के मामले में सभी के वेतन में बड़ा अंतर है. हालांकि, एक नए फॉर्मूले की शुरुआत के साथ इस अंतर को पाटने का प्रयास किया जा सकता है. वर्तमान में सरकारी विभागों में 14 पे ग्रेड हैं. प्रत्येक वेतन ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं. जिसमें देखा गया कि उनके वेतन में बहुत बड़ा अंतर है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार करना है. नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में क्या होगा यह कहना जल्दबाजी होगी.

रोटी-कपड़े की महंगाई से बढ़ेगी सैलरी

इन दिनों महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है इसकी तुलना में वेतन वृद्धि इससे काफी कम है. जस्टिस माथुर ने सातवें वेतन आयोग ( 7th Pay Commission) की सिफारिशों के समय संकेत दिया था कि हम वेतन संरचना को नए आयक्रोयड फॉर्मूले (Aykroyd formula) में ले जाना चाहते हैं. बता दें कि इसमें रहने की लागत को ध्यान में रखकर वेतन तय किया जाता है. महंगाई के मुकाबले कर्मचारियों को वेतन देना समय की मांग है. आपको बता दें कि अकरोयड फॉर्मूला (Aykroyd formula) लेखक वालेस रुडेल एक्रोयड (Author Wallace Rudel Aykroyd) ने दिया था. उनका मानना ​​था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़े सबसे महत्वपूर्ण हैं. उनके मूल्य में वृद्धि के साथ, कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होनी चाहिए.

सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर से बढ़ा वेतन

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को फिटमेंट फैक्टर से संशोधित किया है. इसमें पे ग्रेड 3 पर मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया. न्यायमूर्ति माथुर ने सिफारिश में कहा था कि सरकार हर साल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index (CPI) के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करे.


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