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ITR Update: आयकर विभाग की धारा 143(1) का सूचना पत्र क्या है?

वर्तमान निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि बीत चुकी है और आयकर विभाग अब आपके दाखिल आईटीआर का मूल्यांकन कर रहा है. इस प्रक्रिया में विभाग द्वारा सूचना पत्र भी भेजा गया जो करदाताओं के लिए बहुत उपयोगी है.

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ITR Update: आयकर विभाग की धारा 143(1) का सूचना पत्र क��्या है?

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डीएनए हिंदी: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख निकल चुकी है और अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके ITR की जांच कर एक सूचना पत्र भेज रहा है. कई करदाता इस पत्र को देखकर डर जाते हैं कि क्या विभाग ने उन्हें नोटिस दिया है. कर मामलों के विशेषज्ञ बलवंत जैन ने इसकी शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि यह आयकर विभाग की एक नियमित प्रक्रिया है. आपका रिटर्न दाखिल होने के बाद विभाग इसकी जांच करता है और अपने रिकॉर्ड के साथ इसका मिलान करता है. इसके बाद आपको आयकर की धारा 143(1) के तहत एक सूचना पत्र भेजता है. इसमें आपके द्वारा दी गई सभी सूचनाओं के साथ-साथ विभाग के अभिलेखों से मिलान की गई जानकारी भी शामिल है. यदि आपका डेटा विभाग के पास उपलब्ध अभिलेखों से मेल नहीं खाता है तो इसकी जानकारी सूचना पत्र के माध्यम से भी उपलब्ध है. आप ऋण लेते समय आईटीआर के समान पत्र भी प्रस्तुत कर सकते हैं.

सूचना पत्र क्यों आता है?

आयकर विभाग आमतौर पर सभी करदाताओं को सूचना पत्र भेजता है. इसका मतलब है कि आपके द्वारा दाखिल आईटीआर संसाधित हो गया है. यदि किसी करदाता को यह पत्र नहीं मिलता है तो इसका मतलब है कि विभाग ने उसका आईटीआर संसाधित नहीं किया है. इसके अलावा पत्र में आपकी तरफ से की गई कई गलतियों की डिटेल भी है. विभाग बताएगा कि आपने क्या डेटा गलत दर्ज किया है और इसे ठीक करने के बाद ही आपके रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

बकाया कर जानकारी

आयकर विभाग सूचना पत्र के माध्यम से आपको बकाया कर की जानकारी भी देता है. अगर किसी टैक्सपेयर पर टैक्स बकाया है और विभाग ने उसे जमा करने को कहा है तो आप अपना बकाया टैक्स पत्र मिलने के 20 दिन के अंदर जमा करा दें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो 30 दिन बीत जाने के बाद भी आपको हर महीने 1 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा. विभाग का डेटा आपके द्वारा दर्ज किए गए डेटा से मेल नहीं खाता है तो भी इस पत्र का उत्तर विभाग को जल्द से जल्द भेजा जाना चाहिए.

रिफंड राशि का भी खुलासा

करदाता द्वारा प्राप्त धनवापसी को विभाग द्वारा भेजे गए सूचना पत्र के माध्यम से भी जाना जाता है. विभाग आपको इस पत्र में बताता है कि आईटीआर प्रोसेस करने के बाद आपके पास रिफंड के रूप में कितना पैसा बचा है. ऐसे में जरूरी है कि पत्र मिलने के बाद उसे पासवर्ड के जरिए खोलकर ध्यान से पढ़ें. इसमें दी गई जानकारी का आकलन करें और अगर विभाग ने कोई सवाल उठाया है तो समय रहते उसका जवाब देने की कोशिश करें.

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