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Budget में रक्षा क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान, Import पर कम होगी देश की निर्भरता

Budget 2022 के अनुसार रक्षा क्षेत्र में अब भारत आयात पर कम निर्भर रहेगा. इसके साथ ही अब सरकार घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहन देने पर अधिक ध्यान देगी.

Budget में रक्षा क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान, Import पर कम होगी देश की निर्भरता

Union Budget 2022 nirmala Sitharaman says will run 400 vande bharat trains in 3 years

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डीएनए हिंदी: देश की सुरक्षा प्रत्येक सरकार के लिए प्राथमिक होती है. ऐसे में बजट के दौरान यह देखना महत्वपूर्ण होता है कि सरकार ने Defence Sector के लिए क्या किया. ऐसे में आज जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में Budget पेश किया तो रक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े ऐलान किए. उन्होंने सरकार की नीतियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार देश‌ में डिफेंस इंपोर्ट को कम करने की नीति अपना रही है. 

घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट के दौरान डिफेंस सेक्टर में बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि आने वाले समय से रक्षा खरीद के लिए 65% कैपेक्स घरेलू कंपनियों के लिए होगा. इसके साथ ही बजट में रक्षा के क्षेत्र (Defense Sector) में रिसर्च के लिए 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. पिछले साल आवंटित 2.33 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले रक्षा मंत्रालय को 2.39 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

वहीं मंत्रालय का रक्षा पेंशन बजट 1.19 लाख करोड़ रुपये है. वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान के तहत घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा और घरेलू स्तर पर क्षमता विस्तार के लिए रक्षा क्षेत्र को बड़ी मदद की जाएगी. रक्षा क्षेत्र में रिसर्च, एआई और एसपीवी को बढ़ावा देने पर जोर मिलेगा. 

दुनिया के लिए निर्माण 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान ऐलान किया कि रक्षा क्षेत्र में पूंजीगत बजट पिछले वित्त वर्ष के 58% से बढ़कर अब 68 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फार द वर्ल्‍ड’ पर जोर देने का काम किया जाएगा. 

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वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने के लिए कुल रक्षा खरीद के बजट में से 68% को घरेलू बाजार से खरीदने पर खर्च किया जाएगा. इससे रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भता कम होगी. गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष से यह 58 फीसदी ज्यादा है. माना जा रहा है कि इस फैसले से घरेलू रक्षा कंपनियों को फायदा होगा.

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