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Chemical Stocks में आ सकती है तेजी, सरकार की सहयोगी नीतियों का होगा असर

केमिकल शेयर में आए उतार-चढ़ाव से निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अब एक बार फिर केमिकल स्टॉक्स कमाल करने लगे हैं.

Chemical Stocks में आ सकती है तेजी, सरकार की सहयोगी नीतियों का होगा असर

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डीएनए हिंदी: इस साल की शुरुआत से ही शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा करवा रहा है. अब केमिकल स्टॉक्स (Chemical Stocks) से भी दमदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में केमिकल सेक्टर के स्टॉक्स अच्छा कर सकते हैं. यह इसलिए भी जरुरी है क्योंकि हाल में इसमें वोलाटिलिटी (उतार-चढ़ाव) नजर आई जिसके बाद इसकी वैल्युएशन (Valuation) कम हो गई है.  मिड दिसंबर में इसमें आशंकाएं पैदा हो गईं. ज्यादातर निवेशकों को कमाई कराने वाले केमिकल स्टॉक्स ने अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया था.

30-50% टूटे केमिकल के शेयर 

केमिकल शेयर के टूटने की वजह इसके इनपुट कॉस्ट (input cost) में वृद्धि, अच्छी वैल्युएशन और प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी पर संदेह से जुड़ी चिंताएं बढ़ने की वजह माना जा रहा है. केमिकल स्टॉक्स में खासकर कैमलिन फाइन साइंस (Camlin Fine Sciences), बालाजी एमाइंस (Balaji Amines Ltd.) और चेमप्लास्ट सनमार (Chemplast Sanmar) जैसी कंपनियों के शेयर 30-50% तक टूट गए थे. हालांकि अब निवेशकों का रुझान इन शेयर्स की तरफ दुबारा से दिखने लगा है. पिछले दो हफ़्तों कि बात करें तो, 78 लिस्टेड केमिकल सेक्टर स्टॉक्स में से 58 ने पॉजिटिव रिटर्न दिया, जिनमें से जुबिलैंट इंडस्ट्रीज (Jubilant Industries), इंडिया ग्लाइकोल्स (India Glycols Limited) और वैलिएंट ऑर्गनिक्स (Valiant Organics Limited) जैसी कंपनियों ने 20-30% मुनाफा करवाया है.

केमिकल स्टॉक्स को होल्ड करने की सलाह

यस सिक्योरिटीज (YES SECURITIES) के मुताबिक शोर्ट टर्म चैलेंजेस से इंडस्ट्री की लगातार हो रही लॉन्ग टर्म ग्रोथ थमने की उम्मीद कम है.  यस सिक्योरिटीज ने कहा है कि,  “घरेलू कंज्यूमर बेस में बढ़ोतरी, अच्छी डिस्पोसेबिल इनकम, लाइफस्टाइल में बदलाव और सरकार की सहयोगी नीतियों से इंडस्ट्री के ग्रोथ के अगले चरण में प्रवेश की संभावना है, जिससे इंडस्ट्री के वित्त वर्ष 25 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि,  “हमारी राय में, टिकाऊ और बेहतर वैल्यु क्रिएशन काफी हद तक केमिकल कंपनी की क्षमता और ऑपरेशन में बढ़ोतरी, ऑपरेशन पर कंट्रोल और कैपेक्स अलोकेशन पर निर्भर करेगा.”

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