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DNA Tv Show: दुर्घटना कहीं और कभी भी घट सकती है, फिर भी चालकों की डिक्शनरी से गायब है 'सावधानी'

Accidents in India: भारतीय सड़कों पर आप पैदल हों या किसी वाहन में, आपकी जान हर समय और हर जगह खतरे में है. यहां सावधानी को घर पर भूलकर ड्राइव करने का चलन दिखता है. बढ़ते एक्सीडेंट के आंकड़ों और कारणों का डीएनए पेश कर रही है ये रिपोर्ट.

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DNA TV SHOW

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डीएनए हिंदी: Accident News- जिस तरह से heart attack कभी भी और किसी को भी आ सकता है. ठीक उसी तरह सड़क दुर्घटना कभी भी और किसी के भी साथ हो सकती है. ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में श्याम नगर मंडी के पास भीषण सड़क हादसा हुआ. UP Roadways की सवारियों से भरी बस अचानक बेकाबू हो गई. हादसे के वक्त roadways bus की speed करीब 50 kilometers थी. UP Roadways की इस बस ने आगे चल रहे 5 बाइक सवारों को रौंद दिया. हादसे में 3 बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, एक की हालत गंभीर है.

हमने इस विश्लेषण की शुरुआत में कहा था कि सड़क दुर्घटना कहीं भी और किसी के साथ भी हो सकती है. पहली नजर में आपको यही लगेगा कि इसमें bus driver की गलती होगी, क्योंकि बस तो driver ही चला रहा था. बस ने ही बाइक सवारों को टक्कर मारी और उनकी मौत हुई, लेकिन आप गलत है. दरअसल इस हादसे की वजह है heart attack. बताया जा रहा है कि ड्राइवर को अचानक हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से वह बस पर से नियंत्रण खो बैठा. बस के आगे जो आया, रफ्तार से दौड़ रही बस उसे टक्कर मारती गई, जिसमें कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.

अब आप सोचिए, इसमें किसकी गलती है ? इसमें ना bus driver की गलती है और ना बाइक सवारों की. किसी की गलती नहीं है, लेकिन इसके बाद भी सड़क दुर्घटना हुई और 3 लोगों की जान चली गई है. 

पहली बार नहीं हुआ है ऐसा मामला

वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी driver को गाड़ी चलाते हुए heart attack आया हो. इससे पहले भी ऐसा हुआ है. अब भारत में सड़क दुर्घटना का एक कारण heart attack भी बन रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सड़क सुरक्षा पर वैश्विक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत का भी जिक्र है. जहां सड़क हादसों में हर वर्ष लाखों लोगों की मौत होती है. WHO की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में रोड एक्सीडेंट में हुई मौत का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है.

  • रोड एक्सीडेंट से हर घंटे 19 की मौत.
  • हर दिन सड़क हादसों में 461 लोगों की मौत.
  • भारत में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2022 में 1,68,491 लोगों की गई जान.
  • वर्ष 2021 में भारत में 4 लाख 13 हजार रोड एक्सीडेंट्स हुए. 
  • वर्ष 2022 में देश की सड़कों पर 4,61,312 रोड एक्सीडेंट हुए.
  • वर्ष 2021 में रोड एक्सीडेंट में 1,53,000 लोगों की मौत हुई थी.
  • वर्ष 2022 में मौत का आंकड़ा बढ़कर 1,68,491 हो गया.

क्या भारतीयों में ड्राइविंग सेंस की कमी है?

सड़कों पर जिस तरह गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, ठीक उसी तरह से दुर्घटनाओं के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. साफ है कि हमारे देश में लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तो होते हैं, लेकिन ड्राइविंग सेंस की बहुत कमी है.

  • वर्ष 2021 में भारत में हर रोज़ 1130 सड़क हादसे हुए.
  • वर्ष 2022 में सड़क हादसों की संख्या बढ़कर 1263 हो गई.
  • वर्ष 2021 में हर रोज 422 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत हुई थी.
  • वर्ष 2022 में रोड एक्सीडेंट में मौत की संख्या बढ़कर 461 हो गई.

सिर का हेलमेट हाथ में ज्यादा दिखता है यहां

गाड़ी करोड़ों की हो या सवारी साइकिल की हो, सड़क पर जान किसी की भी गलती से जा सकती है. सड़कों पर सबसे ज्यादा खतरा बाइक चालकों को है. इसके बावजूद इन बाइक चालकों के हाथ में तो हेलमेट दिखता है, लेकिन चालक के सिर पर नहीं. ओवरटेकिंग, ओवर स्पीडिंग, कहीं भी पार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल्स तोड़ना, पुलिस वालों को कुछ ले देकर छूट जाना. ये वो वजहें हैं, जो सड़क को बेहद असुरक्षित बना रही हैं.

जरा इस पर नजर डालिए

  • भारत में हुए कुल सड़क हादसों में 66.5% यानी 1,12,072 लोग 18 से 45 साल की उम्र के हैं.
  • वर्ष 2022 में 18 साल से कम के 9,528 बच्चों की जान रोड एक्सीडेंट्स में गई.
  • इसका मतलब ये कि हर रोज 26 बच्चों की सड़क हादसों में मौत हुई है.

आपकी गलती ले रही दूसरे की जान

भारत की सड़कें पूरी दुनिया में सबसे असुरक्षित हैं. यहां किसी और की गलती से भी जान जा सकती है. दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज का वायरल वीडियो आपने देखा ही होगा, जिसमें एक शख्स ऑटो पर लटककर स्टंट कर रहा है, लेकिन उसका ये स्टंट एक साइकिल सवार पर भारी पड़ा. साइकिल सवार उससे टकराकर सड़क पर गिरकर घायल हो गया.

  • भारत में सड़क हादसों की सबसे अहम वजह ओवर स्पीडिंग है.
  • वर्ष 2022 में ओवर स्पीडिंग की वजह से 1,19,904 लोगों की जान गई.
  • रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने की वजह से 9094 लोगों की मौत हुई.
  • नशे में गाड़ी चलाने की वजह से 4201 लोगों की मौत हुई.
  • गाड़ी चलाते हुए मोबाइल फोन पर बात करते हुए 3395 लोगों की मौत हुई.
  • रेड लाइट जंप करते हुए रोड एक्सीडेंट में 1462 लोग मारे गए.

15 किमी की गति बढ़ते ही खतरा चार गुना बढ़ता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि अगर कार चालक 50 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़ाकर गाड़ी की स्पीड 65 किलोमीटर प्रतिघंटा कर देता है तो दुर्घटना का खतरा साढ़े चार गुना बढ़ जाता है. बाइक चालक अगर सही तरीके से हेलमेट लगाकर चले तो मौत के खतरे को 6 गुना कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए नियमों को मानना जरूरी है, क्योंकि सावधानी से ही दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है.

INPUT- पूजा मक्कड़

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