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DNA TV Show: शिकायतों का रिकॉर्ड बना रही Indigo, क्या इस एयरलाइंस का चल रहा बुरा वक्त या कोई और है बात

Indigo Airlines Updates: भारत में किसी भी घरेलू एयरलाइंस के अच्छा कामकाज करते-करते अचानक डूब जाने का इतिहास रहा है. इंडिगो भी जिस तरह विवादों में फंस रही है, क्या वो उसी इतिहास का हिस्सा बनेगी? इस सवाल का डीएनए पेश करती ये रिपोर्ट.

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डीएनए हिंदी: Indigo Airlines News- आज हम बात करेंगे देश की एक ऐसी एयरलाइन की, जो पिछले कुछ दिनों से लापरवाही के नए-नए रिकॉर्ड बना रही है. करीब 350 Aircraft वाली INDIGO एयरलाइन, वैसे तो रोज़ाना 1900 से ज्यादा उड़ानें भरती है और 60 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ ये भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है. यही नहीं इंडिगो एयरलाइन को इसी महीने उड़ानों की मॉनिटरिंग करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था OAG ने समय का पालन करने वाली दुनिया की 20 एयरलाइन कंपनियों में शुमार किया है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस एयरलाइन कंपनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें कही जा रही हैं, जिसमें देरी से उड़ान भरना और देरी से मंजिल तक पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, 15 जनवरी को Indigo का समय से चलने और मंजिल तक पहुंचने से जुड़ा प्रदर्शन केवल 22.1 प्रतिशत रहा है यानी 100 में से केवल 22 विमान ही समय पर उड़े या मंजिल तक समय पर पहुंचे. यही नहीं पिछले कुछ दिनों से Indigo airline को लेकर कई-कई घंटों की देरी से उड़ान भरने, मंजिल तक ना पहुंचाकर किसी अन्य शहर में उतार देने और एयरपोर्ट के एयरोब्रिज पर यात्रियों को फंसाकर रखने की शिकायतें मिल रही हैं. 

याद कीजिए पिछले 10 दिन में Indigo के ये तीन कांड 

  • 14 जनवरी को बोर्डिंग के बाद 12 घंटे तक यात्रियों को कभी एयरपोर्ट तो कभी कई घंटे विमान में बैठाए रखा गया था. उसके बाद विमान के Co pilot ने देरी के लिए यात्रियों को दोष दिया, जिससे गुस्साए एक यात्री ने Co-pilot को ही थप्पड़ मार दिया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आपने देखा होगा.
  • दूसरी घटना 13 जनवरी को हुई, जिसमें Indigo एयरलाइन की मुंबई से गुवाहाटी की Flight को बांग्लादेश के ढाका पहुंचा दिया गया था. कई घंटों तक यात्रियों को विमान में बैठाए रखा गया. इस बीच Crew बदलने के बाद यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाया गया
  • तीसरी घटना भी 13 जनवरी की ही है, जिसमें मुंबई एयरपोर्ट के एयरोब्रिज से फिल्म एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो और कई यात्री, बोर्डिंग के बावजूद विमान के अंदर नहीं जा पाए. वे टनल जैसे एयरोब्रिज में ही घंटों फंसे रहे, क्योंकि विमान दूसरे छोर पर था ही नहीं.

चौथे कांड में तो सुरक्षा भी ताक पर रख दी गई

अब Indigo एयरलाइन का चौथा कांड भी सुन लीजिए. 14 जनवरी को गोवा से दिल्ली आ रही Flight को खराब मौसम की वजह से मुंबई में उतार दिया गया. यहां पर यात्रियों को कई घंटे विमान में बैठाए रखा गया. उसके बाद यात्रियों को एयरक्राफ्ट पार्किंग में ही छोड़ दिया गया. यात्रियों को एयरक्राफ्ट पार्किंग, जिसे Apron या Tarmac कहा जाता है, वहां बैठा दिया गया.

ये मामला यात्रियों की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ था, क्योंकि इसी जगह से एयरक्राफ्ट को उड़ान भरने के लिए Runway तक ले जाया जाता है. ये एयरपोर्ट की सुरक्षा से भी खिलवाड़ था. Indigo Airline ने सिर्फ यही नहीं किया. इस घटना के वायरल हो रहे वीडियो में आप देख रहे होंगे कि Tarmac पर ही भंडारा लगा हुआ है. आज से पहले आपने किसी यात्री को विमान के नीचे जमीन पर बैठकर खाते पीते नहीं देखा होगा, क्योंकि ये सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ माना जाता है. इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालात को काबू करने के लिए मुंबई पुलिस भी यहां पहुंची थी. 

एविएशन सिक्योरिटी ने माना है बड़ी लापरवाही

Indigo Airline की लापरवाही इतनी बड़ी थी कि इस मामले में ना सिर्फ Indigo बल्कि मुंबई एयरपोर्ट की व्यवस्था भी सवालों के घेरे में आ गई है. इसे लेकर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी एक्टिव हो गई है.

  • इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, इंडिगो एयरलाइन को Show Cause Notice जारी किया गया है.
  • ये नोटिस BCAS यानी The Bureau Of Civil Aviation Security की तरफ से दिया गया है.
  • इंडिगो एयरलाइन को Aviation Security Procedures का पालन ना करने का दोषी पाया गया है.
  • BCAS ने मामले में Mumbai Internation Airport LTD को भी नोटिस जारी किया है.
  • नोटिस में ये भी कहा गया है कि एयरलाइन ने इस मामले की गंभीरता को नहीं समझा.
  • नोटिस में ही कि एयरलाइन ने इस मामले को ठीकसे नहीं संभाला, यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा.
  • नोटिस में Indigo एयरलाइन को यात्रियों को दूसरे विमान में बैठाने से पहले सिक्योरिटी चेक ना करवाने जैसे अन्य नियमों का उल्लंघन करने का आरोपी भी माना गया है.
  • यही नहीं Indigo एयरलाइन पर ये भी आरोप लगा है कि उसने इस गंभीर मामले की जानकारी BCAS को नहीं दी थी. 
  • जानकारी ना देने की वजह से indigo को Aircraft Security Rules 2023 के नियम 51 का आरोपी माना गया है.

ये भी कहा जा रहा है कि Indigo एयरलाइन को अपने एयरक्राफ्ट दिल्ली के बजाए मुंबई में उतारने के बाद Remote Bay C-33 दिया गया था यानी इस हिस्से में एयरक्राफ्ट को पार्किंग के तौर पर लगाया जाना था. इस जगह से यात्रियों को बोर्डिंग गेट भी मिलता, एयरपोर्ट के अंदर जाकर मूलभूत सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका मिलता, लेकिन indigo एयरलाइन ने ऐसा नहीं किया.

नोटिस मिलने पर मानी है Indigo ने गलती

BCAS से मिले नोटिस के जवाब में Indigo ने आंतरिक जांच करवाने और नियमों के तहत इस नोटिस का जवाब देने की बात कही है. सिर्फ यही नहीं, मुंबई में हुई इस घटना को लेकर Indigo ने अपने यात्रियों से माफी मांगी है, और भविष्य में इस तरह की घटना ना हो, इसका ख्याल रखने की बात कही है.

कई बार तकनीकी कारणों से भी घंटों बैठाना पड़ता है विमान में

इस तरह की घटनाएं देखने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे एयरलाइन कंपनियां जानबूझकर यात्रियों को कई-कई घंटे विमान में बैठाकर रखती हैं. रविवार को दिल्ली से गोवा जाने वाले विमान में यात्री का गुस्सा भी इस वजह से फूटा था. INDIGO एयरलाइन ने यात्रियों को ना तो विमान से बाहर जाने दिया, ना ही उन्होंने उड़ान भरी. अब ऐसा क्यों हुआ, ये समझना भी जरूरी है.

आमतौर पर लोग ये मान रहे होंगे कि एयरलाइन कंपनी जानबूझकर यात्रियों को विमान में घंटों बैठाए रखती है. जो कुछ हद तक सही है, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी कारण भी होते हैं, जिसकी वजह से एयरलाइन ऐसा करती हैं. इसको समझने से पहले आपको ये समझना होगा कि कोई यात्री विमान में उड़ान भरने से पहले कौन सी प्रक्रिया का पालन करता है.

  • पहले यात्री हवाई यात्रा का टिकट लेता है...फिर एयरपोर्ट पर या ONLINE तरीके से Boarding Pass लेता है.
  • इसके बाद यात्री, एयरपोर्ट पर अपनी विमान कंपनी के काउंटर पर अपना सामान दे देता है.
  • उसके बाद यात्री एयरपोर्ट के उस गेट पर जाता है, जहां पर उनका विमान पार्किंग में लगाया गया है.
  • इस गेट पर दोबारा से Boarding Pass दिखाकर, विमान में बैठने से पहले Airobridge से होकर जाना होता है. 
  • एयरोब्रिज का एक हिस्सा एयरपोर्ट के गेट की तरफ खुलता है, और दूसरा हिस्सा हवाई जहाज के एंट्री गेट पर खुलता है.
  • यात्रियों के बैठने के बाद विमान के गेट बंद कर दिए जाते हैं. फिर विमान अपने 'Sequence नंबर' या कहें कि उड़ान भरने की लाइन में अपनी बारी का इंतजार करता है.
  • अपनी बारी आने के इंतजार के दौरान ये जरूरी है कि विमान में सारे यात्री बैठ चुके हों, सारा Crew अपनी ड्यूटी के लिए विमान में मौजूद हो और विमान के दरवाजे बंद हों. इस स्थिति को Aviation इंडस्ट्री की तकनीकी भाषा में 'Push Back के लिए तैयार होना' कहा जाता है.
  • घने कोहरे की स्थिति में भी इसी प्रक्रिया का पालन होता है और यात्रियों को विमान में ही बैठाकर रखा जाता है.
  •  विमान कंपनियां ऐसा इसलिए करती हैं ताकि जैसे ही कोहरा छंटे, वैसे ही वो अपने Sequence नंबर पर उड़ान के लिए तैयार रहें.
  • अगर ये देरी कई घंटे की होती है, तब भी एयरलाइन कंपनियां अपने विमान के दरवाजे बंद ही रखती हैं और यात्रियों को बैठाए रखती हैं.
  • विमान से यात्रियों को उतारने के लिए, एयरलाइन्स को अलग से कई नियमों का पालन करना होता है. इसके लिए Airport Security से अनुमति लेनी होती है.
  • अगर यात्रियों को उतारा जाता है, तो ऐसी स्थिति में सभी यात्रियों को दोबारा से Security Check और Boarding प्रक्रिया से गुजरना होता है.
  • इसके अलावा एयरलाइन कंपनी के उस विमान को दोबारा से एयरपोर्ट पर पार्किंग स्पेस लेना होता है. इसमें काफी समय और एयरलाइन कंपनी का काफी पैसा लगता है. 
  • एयरलाइन कंपनियां इसीलिए ये करने से बचती हैं और यात्रियों को विमान में बैठाकर ही रखती हैं.

टिकट कैंसिल होने से बचाने का है खेल

लोगों को शिकायत ये है कि अगर एयरलाइन कंपनी को पता है कि खराब मौसम की वजह से कई घंटों की देरी होनी निश्चित है, तो ऐसी स्थिति में वो पहले से ही यात्रियों को जानकारी देकर, उन्हें एयरपोर्ट पर क्यों नहीं जाने देती. हमने पहले जो बातें बताई हैं, वो भी एक बड़ी वजह हैं, लेकिन उससे बड़ी वजह ये है कि वो ऐसा इसलिए नहीं करते हैं, क्योंकि अगर यात्रियों को ज्यादा देरी होने की जानकारी मिलेगी, तो वो टिकट कैंसिल करवा सकते हैं. टिकट कैंसिल ना हो, इस वजह से भी एयरलाइन कंपनियां यात्रियों को उड़ान में देरी से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं देती हैं.

अब DGCA ने जारी की है SOP

यात्रियों को मिलने वाली जानकारी पूरी हो और समय से हो, इसको लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA दोनों काफी गंभीर हैं. इसी वजह से DGCA ने एयरलाइन कंपनियों के लिए कुछ SOP यानी Standard Operating Procedures बना दिए हैं. ये ऐसे नियम होंगे, जिनका पालन एयरलाइन कंपनियों को करना ही होगी. जैसे-

  • खराब मौसम की वजह से 3 घंटे या उससे ज्यादा की देरी की आशंका होने पर एयरलाइन कंपनी अपनी फ्लाइट को खुद ही रद्द कर देगी.
  • विमान यात्रियों को उड़ान में देरी से संबंधित Real Time जानकारी देनी होगी.
  • एयरलाइन्स अपने यात्रियों को SMS, Whatsapp या ईमेल के जरिए जानकारी देगी. 
  • एयरपोर्ट के Display पर भी Flight से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी.
  • एयरलाइन्स के स्टाफ को भी यात्रियों से संवेदनशीलता बरतने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो यात्रियों को सही तरीके से जानकारी दे पाएं और गाइड कर सकें.

INDIGO एयरलाइन से जुड़ी लापरवाही Operational प्रक्रियाओं में बरती गई है. विमान में कई-कई घंटे बैठाना, यात्रियों को मंजिल के बजाए अन्य स्थान पर ले जाना, एयरपोर्ट के अंदर ना जाने देना, इसी तरह की लापरवाही है, जिसको लेकर यात्रियों को परेशानी होती है. यही वजह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इन मामलों को गंभीरता से ले रहा है. 

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