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क्या जेल जाकर वहीं से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल? क्या हैं नियम

Arvind Kejriwal Delhi Excise Policy Case: दिल्ली की आबकारी नीति मामले में AAP को आशंका है कि सीएम अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.

क्या जेल जाकर वहीं से सरकार चला सकते हैं अरविंद केजरीवाल? क्या हैं नियम

Arvind Kejriwal

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डीएनए हिंदी: दिल्ली की आबकारी नीति के कथित घोटाले के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं. इसी मामले में AAP के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है. पहले समन पर अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए लेकिन अब वह पेशी के लिए तैयार हैं. इस बीच AAP ने आशंका जताई है कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की तरह ही अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया गया है. इसीलिए AAP की एक मीटिंग भी हुई जिसमें कहा गया है कि अगर अरविंद केजरीवाल जेल भी जाते हैं तो वह सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे और वहीं से सरकार चलाते रहेंगे.

AAP ने अपनी इस मीटिंग के बाद कहा है कि विधायकों ने तय किया है कि अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा न देने का अनुरोध किया जाएगा. अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो वह सरकार के कामकाज जेल से ही चलाएंगे. ऐसी स्थिति में मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को भी आधिकारिक कामों की अनुमति लेने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने जेल के अंदर ही जाना पड़ेगा. आइए समझते हैं कि इसके बारे में नियम क्या कहते हैं...

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क्या है नियम?
कई बार देखा गया है कि अलग-अलग मामलों में विधायकों, सांसदों या मंत्रियों को जेल जाना पड़ा है. आमतौर पर बिना सजा हुए मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी नहीं होती है. आज तक सिर्फ जयललिता और लालू यादव ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्हें सीएम रहने के दौरान जले जाना पड़ा है. इस्तीफा दे दिया. मनीष सिसोदिया, संजय सिंह या अरविंद केजरीवाल को अभी तक किसी भी मामले में सजा नहीं हुई है. नियमों के मुताबिक, कम से कम दो साल की सजा होने पर ही विधायक या सांसद की सदस्यता समाप्त की जाती है. जैसा कि राहुल गांधी के साथ हुआ था लेकिन सजा पर रोक लग जाने के बाद उनकी सांसदी बहाल कर दी गई.

इस मामले में भी अगर अरविंद केजरीवाल जेल जाते हैं तो ऐसा कोई नियम नहीं है जो उन्हें इस्तीफा देने पर बाध्य कर सके. इस बारे में AAP सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि जेल जाने पर भी अरविंद केजरीवाल सरकार चलाते रहेंगे और अधिकारी भी वहीं जाकर निर्देश लेंगे. बता दें कि राज्यपाल या राष्ट्रपति ही ऐसे पद हैं जिनपर मौजूद शख्स के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. मुख्यमंत्री को ऐसी छूट नहीं मिलती है.

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कहां आएगी समस्या?
जेल जाने पर भले ही अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा न देना पड़े लेकिन उन्हें वह एक्सेस नहीं रह जाएगी जो बाहर से है. उदाहरण के तौर पर देखें तो जेल के अंदर होने पर उन्हें जेल मैन्युअल का पालन करना होगा. ऐसे में वह अधिकारियों या विधायकों से उस तरह से नहीं मिल सकते जैसे कि वह बाहर मिलते हैं. अगर कोर्ट उनकी मुलाकातों पर रोक लगा दे तो वह जेल में ऐसी बैठकें नहीं कर पाएंगे. इस बारे में AAP का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो सरकार चलाने के लिए कोर्ट से इसकी अनुमति मांगी जाएगी.

क्या मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं गिरफ्तार?
कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर की धारा 135 के तहत कुछ पदों पर आसीन लोगों को सिविल मामलों में गिरफ्तारी से छूट मिलती है. हालांकि, आपराधिक मामलों में उनकी गिरफ्तार हो सकती है. यह छूट प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, दोनों सदनों के सांसद, मुख्यमंत्री, विधायक, विधान पार्षद को मिलती है. हालांकि, राज्यपाल या राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

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