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ड्रोन बना आतंकवाद और ड्रग्स तस्करी का अहम जरिया, समझिए सीमा पार से कैसे हो रहा है इस्तेमाल

BSF Shoots Pakistan Drones: पाकिस्तान और भारत की सीमा पर हर दिन ड्रोन पकड़ा जाना बहुत आम हो गया है. इन ड्रोन का इस्तेमाल हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जाता है.

ड्रोन बना आतंकवाद और ड्रग्स तस्करी का अहम जरिया, समझिए सीमा पार से कैसे हो रहा है इ��स्तेमाल

ड्रोन से हो रही ड्रग्स और हथियारों की तस्करी

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डीएनए हिंदी: भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) को तैनात किया गया है. गुजरात, राजस्थान, पंजाब और कश्मीर की सीमाओं पर यही अर्धसैनिक बल देश की सुरक्षा करता है. इन दिनों BSF को नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब में सीमा पार से नशीले पदार्थ भारत में लाने के लिए ड्रग्स के तस्कर ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ठीक इसी तरह जम्मू-कश्मीर, गुजरात और राजस्थान में भी ड्रोन का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन की मदद से ही आतंकी भी अपने गोला-बारूद और अवैध हथियार सीमा पार से भारत लाते हैं.

बीते कुछ महीनों में सीमा पार से आने वाले ड्रोन की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. कई बार बीएसएफ इन ड्रोन को मार गिराती तो कई बार ये पैकेट गिराकर लौट भी जाते हैं. बीएसएफ के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर ड्रोन ऐसे होते हैं जो पाकिस्तान की ओर से आते हैं और सीमा से सटे इलाके में ड्रग्स या हथियार गिराते हैं. जिनके पास डिलीवरी होनी होती है उनको लोकेशन दी जाती है और वे वहां से सामान उठा लेते हैं.

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पाकिस्तान ने खोले ड्रोन सेंटर
सूत्रों के मुताबिक, हथियार और नशीले पदार्थों की इस तस्करी में पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI भी शामिल है. इसके लिए बाकायदा 6 जगहों पर ड्रोन सेंटर खोले गए हैं. इन्हीं की मदद से सीमा से लटे इलाकों में तस्करी, अवैध हथियार भेजने और जासूसी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है. पंजाब में पिछले कुछ सालों में सैकड़ों बार ड्रोन देखे गए हैं. दर्जनों बार इन्हें गिराया गया है. कई बार डमी ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाता है और मुख्य ड्रोन के साथ-साथ ये डमी ड्रोन भेजे जाते हैं, ताकि सुरक्षाबलों का ध्यान भटकाया जा सके.

कैसे काम करता है ड्रोन से डिलीवरी का नेटवर्क?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की सीमा के पास से उड़ने वाले ड्रोन सूनसान इलाकों में भारत की सीमा में दाखिल होते हैं और पहले से तय जगह पर ड्रग्स या हथियारों के पैकेट गिरा देते हैं. इसके बाद कई लोग काम करते हैं. एक शख्स उसे उठाता है और दूसरी जगह ले जाता है. इसी तरह कई लोग चेन में जुड़े होते हैं, ताकि यह पता न चल सके कि किसके पास यह सामान जा रहा है.

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पिछले साल BSF ने कम से कम 22 ड्रोन ऐसे पकड़े थे सो आकार में काफी बड़े थे. इन ड्रोन से 67 हथियार, 857 राउंड गोलियां और 316 किलो हेरोइन बरामद की गई थी. यही वजह है कि BSF की टीमें अब जमीन के साथ-साथ आसमान पर भी नजर रख रही हैं. साथ ही, ड्रोन के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए BSF के जवानों और टेक्नोलॉजी को भी अपग्रेड किया जा रहा है.

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