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Russia Ukraine War: यूक्रेन के 15% इलाके पर रूसी कब्जा, क्या परमाणु क्षमता के बल पर पुतिन कर रहे मनमानी?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अब वैश्विक प्रतिबंधों से फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने दुनिया को दरकिनार करते हुए रूस का कब्जा अभियान जारी है.

Russia Ukraine War: यूक्रेन के 15% इलाके पर रूसी कब्जा, क्या परमाणु क्षमता के बल पर पुतिन कर रहे मनमानी?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: विज्ञान कभी-कभी उन देशों के लिए अभिशाप बन जाता है जो उसे हासिल करने की काबिलियत नहीं रखते हैं. विज्ञान के यही अनुसंधान कमजोर और ताकतवर की सीमा-रेखा खींचते हैं. बड़े देश, इन्हीं कमियों का फायदा उठाकर वैश्विक स्तर पर मनमानी करते हैं. ठीक वैसे ही मनमानी, जैसे रूस ने यूक्रेन के साथ की है. सैन्य ताकत के दम पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले यूक्रेन को तबाह किया और अब उसके 15 प्रतिशत भू-भाग पर अवैध तरीके के कब्जा कर लिया है. दुनिया देख रही है लेकिन रूसी परमाणु ताकत की वजह से कोई मजबूत प्रतिक्रिया देने से कांप रही है.

व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के हिस्सों को रूस में अवैध तरीके से शामिल कर लिया है. उन्होंने विलय संबंधी कई संधियों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किया है. यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूस का कब्जा है, वहां वे बड़ी संख्या में सैन्य तैनाती करेंगे. मतलब साफ है कि अब यूक्रेन दोबारा इन इलाकों में कभी कब्जा नहीं जमा पाएगा.

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सिर्फ अपनी बात मनवाते हैं व्लादिमीर पुतिन

व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूसी सेना ने दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया को अपने देश का हिस्सा बना लिया है. आधिकारिक तौर पर पुतिन ने कहा है इन इलाकों के लोग अब रूसी नागरिक होंगे. पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्र को 2014 में आजादी की घोषणा के बाद से ही रूस का समर्थन मिला था. रूस की इन क्षेत्रों पर पहले से ही नजर बुरी थी.

रूसी सेना.

यूक्रेन के 4 हिस्सों पर कब्जे के बाद अब जंग की तस्वीर बदल सकती है. अपना हिस्सा बनाने के बाद पुतिन यूक्रेन को परमाणु युद्ध की धमकी दे सकते हैं. यह इलाका यूक्रेन का है. अगर यूक्रेन दोबारा अपना हिस्सा वापस पाने की जंग लड़ता है तो रूस आत्मरक्षा में परमाणु बम दाग सकता है. इस धमकी का असर दूरगामी होने वाला है. 

क्या परमाणु युद्ध की तरफ आगे बढ़ रहे हैं पुतिन

व्लादिमीर पुतिन के ऐलान के हिसाब से तो यही लग रहा है कि यूक्रेन अगर अपने ही क्षेत्रों पर दोबारा कब्जा चाहे तो उसके सामने परमाणु हथियार तैनात हैं. व्लादिमीर पुतिन ने कब्जे के बाद धमकी भरे अंदाज में कहा, 'हम अपने जमीन की हिफाजत पूरी ताकत के साथ करेंगे. हमारे पास जितने भी हथियार हैं, हम उन सब का इस्तेमाल करेंगे. यूक्रेनी सेना सभी बंधकों को हमारे हवाले करे और बातचीत के लिए आगे आए.'

रूसी सेना.

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पुतिन का संदेश क्यों है खतरनाक?

व्लादिमीर पुतिन का यह संदेश बेहद साफ है. अगर यूक्रेन आगे बढ़ता है तो रूस उसके दमन के लिए परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है. पुतिन के फैसलों को देखने के बाद यह नहीं लगता है कि वह अपने बयान से पीछे हटने वाले नेताओं में से हैं. उन्होंने देखते-देखते यूक्रेन को तबाह कर दिया है. 

कितनी जमीन पर रूस ने क्या है कब्जा?

कई यूरोपीय देशों के बराबर की जमीन रूस ने यूक्रेन से हड़प ली है. अब रूसी कब्जे में यूक्रेन की 1,07,000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन है. यह बेल्जियम, आइसलैंड, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के भू-भाग से कहीं ज्यादा है.

रूसी सेना.

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पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्र को 2014 में आजादी की घोषणा के बाद से ही रूस का समर्थन मिला था. यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप के विलय के कुछ हफ्तों बाद ही रूस ने यह कदम उठाया था.

क्या होगा रूस का अगला कदम, क्यों मनमानी कर रहे हैं पुतिन?

रूसी संसद के दोनों सदनों की अगले सप्ताह बैठक होगी. इन क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने के लिए संधियों पर मुहर लगाई जाएगी. उन्हें उनकी मंजूरी के लिए व्लादिमीर पुतिन के पास भेजा जाएगा.  

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रूस अब मनमानी पर उतर आया है. पुतिन किसी भी तरह का फैसला ले रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि सैन्य ताकत में यूक्रेन, रूस के सामने कहीं नहीं ठहरता है. रूस के पास सैकड़ों परमाणु बम हैं, वहीं यूक्रेन अपने परमाणु हथियारों को तबाह कर चुका है.

रूसी सेना.

परमाणु हथियारों की अकड़ ने पुतिन को बनाया विध्वंसक

स्वीडन स्थित संस्था थिंक टैक 'स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट' (सिप्री) की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास 6,375 परमाणु हथियार हैं. 1993 तक अमेरिका और रूस के बाद सबसे ज्यादा परमाणु हथियार यूक्रेन के पास थे. यूक्रेन परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़कर अपने सारे हथियार रूस को दिया था. अब यूक्रेन परमाणु हथियार विहीन है और रूस के पास परमाणु बमों का जखीरा है. ऐसे में यूक्रेन का कमजोर पड़ना तय ही है.

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